Bengal Chunav 2021: बंगाल चुनाव के दूसरे चरण में चार जिलों की 30 सीटों पर 1 अप्रैल वोटिंग है. इसमें सबसे बड़ी सीट नंदीग्राम है. नंदीग्राम से टीएमसी सुप्रीमो और सीएम ममता बनर्जी मैदान में हैं. उनसे मुकाबला है बीजेपी के कद्दावर नेता और एक समय ममता बनर्जी के सेनापति रहे शुभेंदु अधिकारी की. नंदीग्राम सीट से उतरी ममता बनर्जी की राजनीतिक कद इसी जगह से बढ़ता गया. जब भी ममता बनर्जी को राजनीतिक में बुलंदी की आस रही, नंदीग्राम की सीट ने उसे पूरा किया. एकबार फिर ममता बनर्जी नंदीग्राम में हैं. बड़ा सवाल यह है कि क्या नंदीग्राम फिर ममता बनर्जी की मदद करेगा? क्या ममता बनर्जी के करियर को नंदीग्राम दोबारा नेशनल लेवल पर स्थापित करेगा. यहां पढ़िए फायरब्रांड टीएमसी चीफ ममता बनर्जी के करियर के महत्वपूर्ण राजनीतिक पड़ावों को…
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साल 1990 में ममता बनर्जी लेफ्ट सरकार की औद्योगिक नीतियों के खिलाफ सड़क पर थीं. कोलकाता के हाजरा में यूथ कांग्रेस के आंदोलन के नेतृत्व के दौरान ममता बनर्जी पर ‘हमला’ किया गया था. सिर पर पट्टी बांधे ममता बनर्जी ने जोरदार भाषण दिया था और उनकी तसवीर अखबारों के फ्रंट पेज पर छपी थी. ममता बनर्जी ने खुद पर हमले को हत्या की साजिश से जोड़कर कई गंभीर आरोप भी लगाए थे. देशभर में बंगाल की फायरब्रांड नेता ममता बनर्जी पर हमले की गूंज सुनाई देने लगी थी.
अक्टूबर 1998 में अदालत ने कोलकाता के गोलपार्क में बेदी भवन की जमीन पर बसे 50 से ज्यादा परिवारों को बाहर निकालने का आदेश दिया था. बड़ी संख्या में पुलिस जमीन खाली कराने पहुंची थी. वहां ममता बनर्जी के साथ समर्थकों ने पुलिस का विरोध किया. इस दौरान पुलिस और ममता बनर्जी के बीच झड़प हो गई. ममता ने पुलिस पर मारपीट का आरोप लगाया था. यहां तक कि ममता बनर्जी ने कपड़े फाड़ने के आरोप भी लगाए थे. घटना के बाद ममता बनर्जी के समर्थकों ने कई रेलवे ट्रैक और सड़कों को काफी देर तक जाम कर दिया. बंगाल में कई जगहों पर जमकर तोड़फोड़ हुई.
ममता बनर्जी पर तीसरे ‘हमले’ के बाद बंगाल विधानसभा में तोड़फोड़ हुई थी. इसे राजनीति के इतिहास का काला धब्बा भी कहा जाता है. दरअसल, नवंबर 2006 में ममता बनर्जी ने सिंगुर में टाटा मोटर्स को 900 एकड़ जमीन सौंपने के विरोध में पैदल मार्च निकाला. पुलिस ने ममता बनर्जी को समर्थकों के साथ रोक दिया. ममता कोलकाता में विधानसभा भवन पहुंची. उन्होंने टीएमसी विधायकों से बातचीत में पुलिस के हमले की जानकारी दी. टीएमसी विधायकों ने आपा खो दिया और विधानसभा में जमकर तोड़फोड़ की.
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ममता से पुलिस की बदसलूकी के मुद्दे को लेकर सड़क पर टीएमसी कार्यकर्ताओं का जोरदार हंगामा दिखा था. दुकानों को जबरन बंद कराया गया. 12 घंटे तक बंगाल बंद रखने की अपील की गई. सिंगूर मुद्दे पर विरोध के बाद ममता बनर्जी सुर्खियों में आ चुकी थीं. टाटा ने सिंगूर से शिफ्टिंग का फैसला कर लिया. एक बार फिर ममता बनर्जी नंदीग्राम से चुनावी मैदान में हैं. उनको नंदीग्राम में चोट भी लगी. अब, नंदीग्राम का चुनावी रिजल्ट क्या निकलता है? इसका जवाब 2 मई को चुनाव रिजल्ट से साथ निकलेगा.
Posted: Abhishek.