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दुर्गापुर में माकपा को तगड़ा झटका, पंकज राय सरकार हुए तृणमूल में शामिल

मंत्री व दिग्गज नेताओं ने 1200 माकपाइयों को कराया तृणमूल में शामिल

दुर्गापुर. लोकसभा चुनाव में पश्चिम बर्दवान जिले के आसनसोल एवं बर्दवान- दुर्गापुर की सीटों पर तृणमूल कांग्रेस की जीत के बाद अब नगर निगम चुनाव की तैयारियां शुरू हो गयी हैं. इसबीच तृणमूल में काफी फेरबदल किये जा रहे हैं. दो दिन पहले एडीडीए के चेयरमैन तापस बनर्जी को उनके पद से हटाकर कवि दत्त नामक व्यवसायी को चेयरमैन बनाया गया. रविवार को तृणमूल कांग्रेस ने फिर एक झटका देते हुए माकपा के दिग्गज नेता कहे जाने वाले पंकज राय सरकार को तृणमूल में शामिल करा लिया. पंकज राय सरकार के तृणमूल में शामिल होने से पश्चिम बर्दवान जिले में माकपा को जोर का झटका लगा है. पंकज राय सरकार मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के जिला कमेटी के सचिवमंडली के सदस्य थे. रविवार शाम को इस्पात नगर के अरविंद एवेन्यू स्थित तृणमूल कांग्रेस पार्टी कार्यालय में राज्य के मंत्री अरुप विश्वास एवं राज्य के पंचायत एवं ग्रामीण मंत्री प्रदीप मजूमदार की मौजूदगी में पंकज राय सरकार के साथ 1200 माकपा कार्यकर्ताओं एवं समर्थकों को तृणमूल का झंडा थमाकर पार्टी में शामिल कराया गया. मौके पर सांसद कीर्ति झा आजाद, तृणमूल के जिला अध्यक्ष एवं पांडवेश्वर के विधायक नरेंद्रनाथ चक्रवर्ती के अलावा दुर्गापुर नगर निगम की प्रशासक अनिंदिता मुखर्जी, राखी तिवारी, धर्मेंद्र यादव सहित तृणमूल के कई नेता मौजूद थे. मंत्री अरुप विश्वास ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी एवं अभिषेक बनर्जी के नेतृत्व में राज्य का विकास चारों ओर हो रहा है. पार्टी को ऐसे नेताओं की जरूरत है जो निस्वार्थ भाव से पार्टी के हित में काम करने के इच्छुक हैं. विभिन्न दालों के नेता भी तृणमूल में शामिल होने के प्रयास में हैं. पार्टी उनसे लगातार संपर्क में है. पंकज राय सरकार ने तृणमूल में शामिल होने के बाद कहा कि वामपंथियों का वोट भाजपा को जा रहा है, यह शिकायत 2019 के लोकसभा चुनाव के बाद से राज्य में सत्ताधारी दल के नेताओं द्वारा की जा रही थी. इस बार भी ऐसी ही स्थिति बनी हुई है. उन्होंने कहा कि लेफ्ट के वोट बीजेपी को क्यों जा रहे हैं? सीताराम येचुरी ने प्रकाश करात के सामने इसका विरोध किया लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गयी . देश भर में वामपंथी दल सांप्रदायिकता के खिलाफ लड़ने की बात कहती है और इधर माकपा के नेताओं का एक वर्ग, गुप्त रूप से भाजपा में शामिल हो रहा है. वह इसे स्वीकार नहीं कर सकते. इस कारण उन्होंने पार्टी छोड़ दी. वह राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के कार्यों से प्रेरित होकर तृणमूल में शामिल हुए हैं. श्री सरकार ने कहा कि कम्युनिस्ट पार्टी का पूर्णकालिक कार्यकर्ता बनने के लिए अपने उच्च वेतन वाले ईस्टन कोलफील्ड लिमिटेड की नौकरी भी छोड़ दी थी. उनकी 15 वर्ष से ज्यादा की नौकरी बची थी, उन्होंने माकपा के लिए वह नौकरी छोड़ दी. उल्लेखनीय है कि पंकज राय सरकार स्कूली जीवन से ही माकपा से प्रेरित थे. कॉलेज में छात्र संगठन के बाद उन्होंने युवावस्था में माकपा के सक्रिय नेता के तौर पर अपनी पहचान जिले के साथ-साथ राज्य भर में बना ली थी. 40 वर्ष के बाद पंकज राय सरकार माकपा छोड़कर तृणमूल में शामिल हुए हैं. जिससे जमीनी स्तर पर माकपा को तगड़ा झटका लगा है. उम्मीद लगायी जा रही है कि पंकज राय सरकार को तृणमूल कांग्रेस पार्टी में विशेष पद सौंप सकती है.

माकपा को नहीं होगा नुकसान : गौरांग

पंकज रॉय सरकार के तृणमूल में शामिल होने के कुछ पल पहले पश्चिम बर्दवान जिले के माकपा सचिव गौरांग चट्टोपाध्याय ने रविवार सुबह एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में पंकज रॉय सरकार को बर्खास्त करते हुए कहा कि पंकज राय सरकार को पार्टी ने पार्टी विरोधी गतिविधियों और पार्टी की रणनीति का विरोध करने तथा पार्टी की नीतियों को नही मानने के कारण पार्टी से बहिष्कृत किया है. पंकज राय सरकार लंबे समय से तृणमूल के साथ गुप्त संपर्क में थे. उनके चले जाने पर पार्टी को कोई नुकसान नहीं होगा.

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