बांका में भाई की हत्या के बाद दुर्गापुर में छिपा था वारंटी, चढ़ा बिहार एसटीएफ के हत्थे
चार वर्ष पहले बिहार के बांका जिले के साहिबगंज थाना क्षेत्र के बड़ी खजूरी ग्राम में घरेलू हिंसा के तहत कथित तौर पर अपने ही भाई की धारदार हथियार से हत्या करने के बाद यहां दुर्गापुर में छिपे आरोपी को बिहार पुलिस की एसटीएफ टीम ने यहां आकर एनटीएस थाने की पुलिस की मदद से दबोच लिया.
दुर्गापुर.
चार वर्ष पहले बिहार के बांका जिले के साहिबगंज थाना क्षेत्र के बड़ी खजूरी ग्राम में घरेलू हिंसा के तहत कथित तौर पर अपने ही भाई की धारदार हथियार से हत्या करने के बाद यहां दुर्गापुर में छिपे आरोपी को बिहार पुलिस की एसटीएफ टीम ने यहां आकर एनटीएस थाने की पुलिस की मदद से दबोच लिया. हत्याकांड के बाद फरार आरोपी बीते चार साल से सपरिवार दुर्गापुर के न्यू टाउनशिप थाना क्षेत्र में आकर रह रहा था. आरोपी का नाम अनिल चौहान बताया गया है. बुधवार को दुर्गापुर महकमा अदालत से आरोपी को एक दिन की ट्रांजिट रिमांड पर लेकर एसटीएफ टीम बिहार रवाना हो गयी. आरोपी अनिल चौहान बिहार राज्य के बांका जिले के साहिबगंज थाना क्षेत्र के बड़ी खजूरी ग्राम का निवासी बताया गया है. हत्याकांड के बाद 29 जुलाई 2020 को आइपीसी की धारा 302 /120बी /34 के तहत साहिबगंज थाने में केस दर्ज किया गया था. तब से बिहार पुलिस के एसटीएफ को आरोपी की तलाश थी.पुलिस सूत्रों की मानें, तो आरोपी अनिल चौहान हत्या की वारदात को अंजाम देकर बांका से यहां दुर्गापुर भाग आया था. यहां किसी लोहा फैक्टरी में मजदूरी कर रहा था. सूत्रों के दावे पर यकीन करें, तो बीते चार वर्षों से आरोपी अपनी पत्नी व बच्चों के साथ यहां न्यू टाउनशिप थाना क्षेत्र में रह रहा था. उसके खिलाफ बिहार के बांका जिला कोर्ट से वारंट भी जारी हुआ था. आरोपी को खोज कर पकड़ने में साहिबगंज थाने की पुलिस नाकाम रही, तो मामले की जांच बिहार पुलिस के एसटीएफ को दी गयी. इसके बाद वहां की एसटीएफ टीम जब मामले की गहन तफ्तीश में जुटी, तो उसे पता चला कि आरोपी बांका से भाग कर पश्चिम बंगाल के दुर्गापुर में छिपा हुआ है. उसके बाद एसटीएफ टीम ने इंस्पेक्टर संतोष कुमार सिंह के नेतृत्व में पांच एसआइ व एक कांस्टेबल के साथ मामले की गहन पड़ताल शुरू की. इस क्रम में एसटीएफ टीम ने यहां एनटीएस थाना क्षेत्र में आकर मंगलवार रात आरोपी को उसके ठिकाने से दबोच लिया. इसमें एसटीएफ टीम की स्थानीय एनटीएस थाने की पुलिस ने मदद की.
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