मालदा में चुनावी रैली के दौरान तीनों दलों पर तृणमूल सुप्रीमो ने बोला हमला
उन्होंने आगे कहा कि बंगाल में भाजपा को फायदा पहुंचाने के लिए कांग्रेस व माकपा वोट काटने की नीति अपना रही हैं. देश में जिन सीटों पर तृणमूल नहीं लड़ रही है, वहां से वे (माकपा व कांग्रेस) चुनाव लड़ें, तो मुझे कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन जहां हमारी स्थिति मजबूत है और तृणमूल चुनाव के मैदान में है, तो उन्हें हमपर विश्वास करना होगा. तृणमूल सांसदों ने संसद में लड़ाई लड़ी है. भाजपा के खिलाफ आवाज बुलंद करने पर महुआ मोइत्रा को निष्कासित कर दिया गया. बंगाल के लोगों को यह याद रखना होगा कि ‘प्रतिशोध की राजनीति’ के लिए कुछ केंद्रीय योजनाओं की राशि बंगाल को रोक दी गयी. 100 दिनों रोजगार योजना की राशि के भुगतान के लिए तृणमूल ने ही दिल्ली में आवाज उठायी, माकपा व कांग्रेस ने नहीं.” मुख्यमंत्री बनर्जी ने भाजपा के साथ ही चुनाव आयोग की भी आलोचना करते हुए कहा कि भीषण गर्मी में चुनाव कराया जा रहा है. पहले मई महीने में ही मतदान समाप्त हो जाते थे, इस बार जून महीने तक चुनाव होगा. बंगाल में सात चरणों में चुनाव कराने का कोई औचित्य है? असल में भाजपा आम लोगों का कष्ट नहीं समझती है.
तृणमूल प्रमुख ने बंगाल में संशोधित नागरिकता कानून (सीएए), राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) और समान नागरिक संहिता (यूसीसी) के लागू नहीं होने देने का दावा करते हुए कहा “विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ सत्ता में आता है, तो देश में सीएए और एनआरसी को खत्म कर दिया जायेगा. यूसीसी भी देश में लागू नहीं होगा. हम सभी भेदभावपूर्ण कानूनों को रद्द कर देंगे. भाजपा नीत केंद्र सरकार ने 100 दिनों की कार्य योजना के तहत बंगाल का बकाया रोक लिया, जबकि यहां तृणमूल की सरकार ने यह सुनिश्चित किया कि जॉब कार्ड धारकों को 50 दिनों का कार्य मिले. प्रधानमंत्री नरेंद्र लोकसभा चुनाव को लेकर ‘अबकी बार 400 पार’ का दावा कर रहे हैं, लेकिन इस बार भाजपा 200 सीटों पर भी जीत नहीं हासिल कर पायेगी. लोग सर्वेक्षण रिपोर्ट पर भरोसा न करें. वो सर्वे भाजपा के पैसे से हुआ था.