संवाददाता, कोलकाता
देश की राजधानी दिल्ली समेत कई राज्यों में पेयजल की समस्या से हाहाकार मचा हुआ है. यही हाल पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी का भी है. शुक्रवार को पेयजल की मांग पर भाजपा ने सिलीगुड़ी नगर निगम के सामने जमकर प्रदर्शन किया. और ये बवाल तब और बढ़ गया, जब इस दिन मेयर ने संवाददाता सम्मेलन की घोषणा की. भाजपा का आरोप है कि 20 दिनों से पेयजल की किल्लत से जनता बेहाल थी, तब ये मेयर कहां थे. उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिये.
वहीं, मेयर ने पेयजल संकट को लेकर शुक्रवार दोपहर संवाददाताओं से बातचीत में सिलीगुड़ी में जल संकट से निबटने के लिए नगर निगम द्वारा उठाये गये तमाम कदमों के बारे में बताया और कहा कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सिलीगुड़ी की स्थिति की जानकारी लेने के लिए गुरुवार से कई बार फोन किया है.
इस संकट से निबटने के लिए पाउच और पानी की टंकियां भी बढ़ायी जा रही हैं. नगर निगम हर दिन सिलीगुड़ी में पीने के पानी के एक लाख पाउच वितरित कर रही थी. इस बार से दो से तीन लाख पाउच बांटने की व्यवस्था की जायेगी.
इसके अलावा, सिलीगुड़ी नगर निगम के विभिन्न वार्डों में 26 पानी की टंकियां भेजीं जा रही थीं, जिसे बढ़ाकर 57 किया जा रहा है. प्रदर्शन के दौरान भाजपा कार्यकर्ताओं ने मेयर का पूतला फूंकने की कोशिश की, लेकिन पुलिस ने उन्हें रोक दिया, जिससे पुलिस से उनसे धक्का-मुक्की हो गयी. शोर शराबे के बीच मेयर को बैठक रोकनी पड़ी. भाजपा प्रदर्शनकारी लंबे समय तक नगरनिगम हॉल के बाहर बैठे रहे.
गौरतलब है कि गुरुवार को वामपंथी इसी मांग के साथ सामने आए. पूर्व मेयर अशोक भट्टाचार्य के नेतृत्व में सिलीगुड़ी नगरनिगम के सामने विरोध प्रदर्शन किया गया. चोर-चोर का नारा लगाते हुए मेयर की गाड़ी को रोका गया, जिस कारण मेयर और डिप्टी मेयर को दूसरे वाहन में पूर्णिगाम छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा. इधर, शुक्रवार को सिलीगुड़ी में भाजपा सड़क पर उतरी. मामले को लेकर पूर्णिग्राम के विपक्षी दल के नेता अमित जैन ने कहा कि लोगों को बेवकूफ बनाया गया और 20 दिनों तक जहरीला पानी पिलाया गया.
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