कोलकाता/जलपाईगुड़ी. मुख्यमंत्री व तृणमूल सुप्रीमो ममता बनर्जी ने मंगलवार को कहा कि भ्रष्टाचार को लेकर कुछ कहने से पहले भाजपा नेताओं को पहले अपनी पार्टी का हाल जान लेना चाहिए. राज्य में तृणमूल कांग्रेस ही भाजपा से लड़ रही है, जबकि मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) और कांग्रेस उसके साथ (भाजपा) मिलकर काम कर रही हैं. प्रधानमंत्री कहते हैं कि तृणमूल भ्रष्ट पार्टी है. पहले उन्हें आईना देखना चाहिए. उनकी पार्टी में ‘भ्रष्टाचारी’ भरे पड़े हैं. भ्रष्टाचारियों को अपनी पार्टी में शामिल कर भाजपा जैसे ‘वाशिंग मशीन’ बन गयी है और भगवा दल में शामिल होते ही ‘भ्रष्ट नेता’ भ्रष्टाचार से मुक्त हो जाते हैं.
सीएम ने मंगलवार को जलपाईगुड़ी के मैनागुड़ी में जनसभा को संबोधित किया, जबकि उन्होंने सिलीगुड़ी में अपनी पार्टी के उम्मीदवार के समर्थन में रोड शो किया. जनसभा में मुख्यमंत्री ने कहा: भाजपा ने बंगाल में भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच के लिए करीब 300 केंद्रीय दलों को भेजा था, लेकिन उन्हें कुछ नहीं मिला. अब प्रधानमंत्री मोदी को बंगाल की जनता को जवाब देना होगा कि मनरेगा की धनराशि का क्या हुआ? गरीब लोगों ने योजना के तहत काम किया लेकिन उन्हें भुगतान नहीं किया गया. उन्होंने भाजपा को ‘बंगाल विरोधी पार्टी’ बताया और आरोप लगाया कि वह ‘एनआरसी (राष्ट्रीय नागरिक पंजी) की आड़ में’ आदिवासियों, दलितों तथा ओबीसी को ‘बाहर करने की योजना बना रही है’ हम बंगाल में एनआरसी लागू नहीं होने देंगे. माकपा और कांग्रेस पर भी निशाना साधते हुए सुश्री बनर्जी ने कहा कि बंगाल में केवल तृणमूल कांग्रेस ही भाजपा से लड़ रही है, जबकि अन्य दोनों विपक्षी दल माकपा व कांग्रेस उसके साथ काम कर रहे हैं. हम राष्ट्रीय स्तर पर विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ के साथ हैं, लेकिन देश को बचाने के लिए बंगाल में तृणमूल कांग्रेस को जीतना होगा.
उन्होंने कहा कि चुनाव के मद्देनजर लोगों को गुमराह करने के लिए करोड़ों खर्च कर वीडियो सोशल मीडिया पर प्रसारित किया जा रहा है. उसपर लोग विश्वास नहीं करें. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह बंगाल दौरे पर आये और अपने दिये वक्तव्य में ‘बालुरघाट’ को ‘बेलुरघाट’ बना दिया. यदि भाजपा सत्ता में आती, तो क्या अत्याचार कर पाती. इस बार चुनाव में भाजपा 400 पार क्या उसके लिए 200 सीटों पर जीत हासिल करना भी मुश्किल होगा. भाजपा विरोधी पार्टियां जिन राज्यों में शक्तिशाली हैं, वहां उनकी जीत होगी.” मुख्यमंत्री ने भाजपा पर निशाना साधते हुए आगे कहा कि 19 अप्रैल को पहले चरण का मतदान होगा. मुझे आशंका है कि इसके पहले 17 अप्रैल को भगवा दल की ओर से बंगाल का माहौल बिगाड़ने की कोशिश की जा सकती है. लोगों को किसी के भी उकसावे में नहीं आने की अपील करती हूं. सुश्री बनर्जी ने आरोप लगाते हुए कहा कि “भाजपा के कुछ सदस्यों ने जिले के चालसा इलाके में उनके काफिले को निशाना बनाते हुए ‘चोर-चोर’ के नारे लगाये थे. जरा उनके दुस्साहस की कल्पना कीजिए. उनके ‘आकाओं’ की तरह मुझे ‘मुफ्तखोरी’ की आदत नहीं. मैं अपनी सांसद पेंशन तक नहीं ले रही. मैं कोई वेतन नहीं लेती. मैं अपनी कार में यात्रा करती हूं और सरकार गाड़ी का इस्तेमाल नहीं करती. मैं साधारण परिधान पहनती हूं और सादा जीवन जीती हूं. मैं एक कप चाय जैसे खर्च का भी भुगतान करती हूं. मैं चाहती, तो ऐसे अभद्र आचरण करने वालों पर कार्रवाई करती, लेकिन मैं भगवा दल के नेताओं की तरह नहीं कि अपनी सत्ता का दुरुपयोग करूं. युवा समाज से आवेदन है कि भाजपा से देश को बचाने के लिए वे अपनी भूमिका निभायें. देश की तुलना में बंगाल में हुए विकास कार्यों पर गौर करें, तब ‘मोदी की गारंटी’ यानी ‘जीरो गारंटी’ का पता चलेगा.” मुख्यमंत्री ने निर्वाचन आयोग पर आरोप लगाया कि वह राज्य सरकार को जलपाईगुड़ी, कूचबिहार और अलीपुरदुआर में तूफान से तबाह हुए मकानों के पुनर्निर्माण की अनुमति नहीं दे रहा है. उन्होंने कहा, ‘‘चुनाव हो जायें, हम उन मकानों को फिर से बनायेंगे. इसके अलावा ‘बांग्लार बाड़ी’ योजना के तहत दिसंबर तक राज्य सरकार यहां के उन 11 लाख लोगों के लिए आवास की व्यवस्था करेगी, जो केंद्रीय आवास योजना के लाभ से वंचित हैं.’’