22.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

Lok Sabha Election 2024 : आरामबाग में पिछली बार हजार वोट से हारी थी भाजपा, इस बार कड़ी टक्कर की उम्मीद

Lok Sabha Election 2024 : आरामबाग लोकसभा सीट पर कभी माकपा का जलवा देखा जाता था. इस सीट पर अभी तक माकपा ही अधिकतर जीतती रही है, लेकिन 2009 में तृणमूल कांग्रेस ने यहां अपनी ताकत का एहसास कराया. भाजपा को कभी यहां काफी कम वोट मिलते थे, लेकिन समय के साथ-साथ भाजपा ने भी यहां अपनी ताकत बढ़ा कर सबको चौंका दिया है.

Lok Sabha Election 2024 : देश में लोकसभा चुनाव के बाद गहमा-गहमी तेज हो गयी है. बंगाल में भी इस समय सियासी लड़ाई जोर-शोर से चल रही है. हाई-प्रोफाइल लोकसभा सीटों में हुगली जिले में स्थित आरामबाग सीट का नाम भी शुमार है. 2019 में भाजपा यहां महज हजार वोटों से पिछड़ गयी थी. समय के साथ-साथ भाजपा ने यहां अपनी ताकत काफी बढ़ायी. इस बार इस सीट पर कड़ी टक्कर की उम्मीद की जा रही है. इस सीट को 2009 में अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित कर दिया गया था. यहां के राजनीतिक इतिहास पर नजर डालें तो पता चलता है कि इस सीट पहले माकपा का जलवा था. बड़ी मार्जिन से माकपा के उम्मीदवार यहां से जीत हासिल करते रहे हैं.

लोकसभा सीट का गठन 1967 में हुआ

इस लोकसभा सीट का गठन 1967 में हुआ. पहली बार फारवर्ड ब्लॉक के अमियो नाथ बोस ने यहां से चुनाव जीता. उन्होंने कांग्रेस के एस, चौधरी को पराजित किया था. 1971 में माकपा के मनोरंजन हाजरा ने यहां से जीत दर्ज कर यह सीट फॉरवर्ड ब्लॉक से छीन ली. कांग्रेस यहां दूसरे स्थान पर रही थी. 1977 में जनता पार्टी के प्रफुल्ल चंद्र सेन ने यहां से जीत दर्ज की. इमरजेंसी के बाद जनता पार्टी अस्तित्व में आयी थी. 1980 में फिर से इस सीट पर माकपा ने वापसी की. माकपा के विजय कृष्ण मोदक यहां से चुनाव जीतने में सफल रहे. इसके बाद 1984 से 2009 तक यहां पर माकपा का जलवा बरकरार रहा. माकपा के अनिल बसु यहां से जीत हासिल करते रहे.

राजनीतिक पार्टियों में रही थी जबरजस्त टक्कर

1984 में अनिल बसु यहां से पहली बार सांसद बने. उसके बाद 1989. 1991, 1996, 1998, 1999 व 2004 तक अपनी विजय यात्रा जारी रखी. 2009 में भी माकपा के शक्ति मोहन मलिक ने माकपा के विजय अभियान को आगे बढ़ाया. 2009 के चुनाव में माकपा ने यहां से जीत तो दर्ज की, लेकिन तृणमूल कांग्रेस ने यहां अपनी ताकत का एहसास करा दिया. 2014 में हुए चुनाव में पहली बार तृणमूल कांग्रेस यहां से जीत हासिल करने में कामयाब रही. तृणमूल की अपरूपा पोद्दार (अफरीन अली) ने यहां से जीत दर्ज की. उन्हें 54.94 फीसदी वोट मिले थे. माकपा के शक्ति मोहन दूसरे स्थान पर रहे. उन्हें 29.51 फीसदी वोट मिले. माकपा के वोट में 25.29 फीसदी की कमी आयी. जबकि भाजपा के मधुसूदन बाग को महज 11.63 फीसदी वोट ही मिले थे.

WB News : कल कूचबिहार में नरेन्द्र मोदी और ममता बनर्जी की रैली

2019 में हुए चुनाव में भाजपा ने यहां अपनी ताकत का एहसास कराया


2009 के चुनावी आंकड़े को देखें तो माकपा के शक्ति मोहन मलिक को 54.80 फीसदी वोट मिले थे, लेकिन माकपा के वोट में 22.99 फीसदी की कमी देखी गयी. इस चुनाव में कांग्रेस दूसरे स्थान पर रही थी. वहीं भाजपा के मुरारी बेरा को 4.96 फीसदी वोट मिले थे. पिछली बार 2019 में हुए चुनाव में भाजपा ने यहां अपनी ताकत का एहसास कराया. इस चुनाव में तृणमूल की अपरूपा पोद्दार को 44.14 फीसदी वोट मिले. वहीं भाजपा उम्मीदवार तपन कुमार राय को 44.06 फीसदी वोट मिले. तृणमूल का वोट जहां 10.79 फीसदी घटा, वहीं भाजपा के वोट में 32.45 फीसदी की बढ़ोत्तरी हुई. काफी कम अंतर से भाजपा को यहां से हार का सामना करना पड़ा था. माकपा के शक्ति मोहन मलिक तीसरे स्थान पर पहुंच गये. उन्हें 6.83 फीसदी वोट ही मिले थे.

Mamata Banerjee : कूचबिहार की बैठक में ममता बनर्जी ने जनता को बताया, जब प्रधानमंत्री मोदी आएं तो क्या पूछना

आपसी कलह से जूझ रही आरामबाग में तृणमूल
आरामबाग तृणमूल कांग्रेस में अंदरूनी कलह का असर लोकसभा चुनाव के प्रचार पर दिख रहा है. इससे पार्टी के शीर्ष नेतृत्व की चिंता बढ़ गयी है. नाराज नेताओं व कार्यकर्ताओं को मनाने का क्रम जारी है. सोमवार को मंत्री फिरहाद हकीम ने स्थानीय नेताओं के साथ बैठक कर मामले को सलटाने का प्रयास किया. पिछली बार आरामबाग सीट से तृणमूल की अपरूपा पोद्दार ने 1000 से अधिक वोटों के अंतर से जीत हासिल की थी. इस बार वोटों का अंतर बढ़ाना तृणमूल के लिए बड़ी चुनौती है, लेकिन कई नेता इस बार मिताली बाग को टिकट दिये जाने से नाराज हैं. कुछ दिन पहले श्रीरामपुर सीट से तृणमूल उम्मीदवार कल्याण बनर्जी ने यहां बैठक कर आपसी विवाद सुलझाने की कोशिश की थी, लेकिन उसके बाद भी हर कोई प्रचार में नहीं दिख रहा है. सोमवार को फिरहाद ने हरिपाल के मालिया में तारकेश्वर, पुरसुरा, खानाकुल, आरामबाग और गोघाट के 55 नाराज पार्टी नेताओं के साथ बैठक की.

मान-मन्नौवल करने आना पड़ा फिरहाद को, फिर भी नाराजगी कायम

पार्टी सूत्रों के मुताबिक उन्होंने फिरहाद के सामने मुख्य रूप से पंचायत चुनाव में टिकट बंटवारे को लेकर अपना गुस्सा जाहिर किया. बैठक के दौरान जब फिरहाद ने नाराज चल रहे नजिबुल करीम को चुनाव प्रचार में उतरने को कहा, तो खानाकुल-2 ब्लॉक के अध्यक्ष रमेन प्रमाणिक ने इसका विरोध कर दिया. वाद-विवाद शुरू हो गया. रमेन का कहना था कि नजिबुल को दायित्व सौंपने पर वह साथ नहीं देंगे. बताया जा रहा है कि रमेन के साथ अन्य नेताओं के आपत्ति जताने पर नजिबुल को छोड़ चुनाव कार्य करने की बात फिरहाद को कहनी पड़ी. बैठक के बाद फिरहाद ने दावा किया कि आरामबाग में तृणमूल ही जीतेगी. उन्होंने कहा कि वह ममता दी के निर्देश पर यहां आये. पार्टी नेताओं के बीच जो समस्याएं थीं, उसका समाधान कर लिया गया है. सभी चुनाव प्रचार में जुट गये हैं. हालांकि, फिरहाद के जाने के बाद तारकेश्वर नगरपालिका के अध्यक्ष उत्तम कुंडू और पार्टी के आरामबाग संगठनात्मक जिलाध्यक्ष और तारकेश्वर विधायक रमेंदु सिंह राय के साथ तीखी बहस हो गयी. मंत्री बेचाराम मान्ना को बीच-बचाव करना पड़ा.

Mamata Banerjee : जलपाईगुड़ी में ममता बनर्जी ने चाय पर की चर्चा

आरामबाग की मौजूदा सांसद के पास धन की कमी बनी पार्टी टिकट की राह में रोड़ा

आरामबाग से दो बार सांसद रहीं अपरूपा पोद्दार को इस बार तृणमूल कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव का टिकट नहीं दिया. तृणमूल ने उनकी जगह मिताली बाग पर भरोसा जताया है. इस पर पूर्व सांसद ने अपनी नाराजगी जतायी है. अपनी भड़ास निकालते हुए उन्होंने कहा,“चुनाव लड़ने के लिए पैसा नहीं होने के कारण मुझे इस बार टिकट नहीं दिया गया.” उन्होंने पार्टी के ही कुछ नेताओं पर निशाना साधते हुए कहा,“मुझे क्यों टिकट नहीं मिला, इसका उत्तर हुगली के एक सांसद एवं दो मंत्री दे सकते हैं, उन्हें पता था कि चुनाव लड़ने के लिए मेरे पास पैसे नहीं हैं. हो सकता है, उन्होंने यह बात दीदी को बतायी हो.” बताया जा रहा है कि अपरूपा का इशारा श्रीरामपुर के पूर्व सांसद व तृणमूल उम्मीदवार कल्याण बंद्योपाध्याय एवं हुगली से राज्य मंत्रिमंडल में जगह पाये स्नेहाशीष चक्रवर्ती एवं बेचाराम मन्ना की ओर था.

लोकसभा चुनाव की घोषणा के बाद आज झामुमो की पहली रैली हजारीबाग में, सीएम चंपाई और कल्पना सोरेन होंगे शामिल

कल्याण बनर्जी ने कहा था कि यहां पैसा देखकर किसी को टिकट नहीं मिलता


पूर्व सांसद ने आगे यह भी कहा कि हो सकता है कि मैं योग्य नहीं थी, इसलिए मुझे इस बार टिकट नहीं दिया गया.
यह पूछने पर कि उम्मीदवार बनने पर तो पार्टी से आर्थिक मदद मिलती है, इस पर अपरूपा ने जवाब दिया, “चुनाव मैदान में उतरने के साथ-साथ ही पैसे की जरूरत पड़ती है. पार्टी तुरंत पैसे नहीं देती. पार्टी से धन पाने की एक प्रक्रिया होती है. उधर, परिवहन मंत्री स्नेहाशीष चक्रवर्ती का कहना है कि यहां मंत्री, सांसद या और किसी की सिफारिश की कोई आवश्यकता नहीं, क्योंकि दीदी को सब पता है. वहीं, अपरूपा के आरोपों पर कल्याण बनर्जी ने कहा था कि यहां पैसा देखकर किसी को टिकट नहीं मिलता.

सिंगूर में लिखी गयी थी वाम मोर्चा के सत्ता परिवर्तन की पटकथा, इसी आंदोलन से मिली थी ममता बनर्जी को पहचान
तृणमूल ने हेवीवेट नहीं, भूमिपुत्री पर जताया भरोसा

तृणमूल कांग्रेस ने आरामबाग से किसी हेवीवेट नेता की जगह इस बार भूमिपुत्री व मिट्टी के घर में रहनेवाली मिताली बाग को अपना उम्मीदवार बनाया है. पेशे से वह आंगनबाड़ी कर्मी हैं. फिलहाल हुगली जिला परिषद की सदस्य एवं गोघाट-2 ब्लॉक महिला तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष हैं. वह पंचायत एवं पंचायत समिति की सदस्य का दायित्व भी संभाल चुकी हैं. हालांकि, इस सीट से किसी चर्चित चेहरे को टिकट नहीं दिये जाने से पार्टी नेताओं में असमंजस की स्थिति है. पार्टी नेताओं का एक पक्ष मिताली को कमजोर उम्मीदवार बताते हुए उनकी जीत को लेकर आशंकित हैं. वहीं, दूसरे पक्ष का मानना है कि जमीनी स्तर के व्यक्ति को प्रार्थी बनाने का पार्टी का फैसला निश्चित रूप से सकारात्मक परिणाम हासिल करेगा. Mamata Banerjee : ममता बनर्जी ने कहा, सीएए लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा की राजनीतिक चाल है

आरामबाग में नरेंद्र मोदी ने की पहली सभा
अरामबाग में पिछली बार जिस तरह से भाजपा ने अपना जलवा दिखाया, इससे भाजपा का उत्साह लाजिमी था. इसे देखते हुए इस वर्ष होने जा रहे लोकसभा चुनाव का बंगाल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आरामबाग से ही शंखनाद किया. बंगाल में यह उनकी पहली सभा थी. आरामबाग से सभा की शुरुआत करने के कई मायने भी देखे जा रहे हैं. सभा में काफी भीड़ भी देखी गयी थी. प्रधानमंत्री ने 7200 करोड़ रुपये की परियोजनाओं का उद्घाटन, शिलान्यास व लोकार्पण किया था. मौके पर पीएम ने संदेशखाली का मुद्दा भी उठाया था. उन्होंने कहा था कि केंद्र सरकार ने जो काम किया है, उसका असर भी देखा जा रहा है. उन्होंने इस सभा से घोटालेबाजों को चेताया था. उन्होंने कहा कि घोटाला करनेवालों को मोदी नहीं छोड़ेगा. उन्हें सजा मिल कर ही रहेगी.

सिंगूर में लिखी गयी थी वाम मोर्चा के सत्ता परिवर्तन की पटकथा, इसी आंदोलन से मिली थी ममता बनर्जी को पहचान

मतदाताओं के आंकड़े

  • पुरुष मतदाता : 904546
  • महिला मतदाता : 858431
  • थर्ड जेंडर : 000018

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें