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भाजपा सांसद सौमित्र खां ने की अभिषेक बनर्जी की तारीफ

सौमित्र खां ने चुनाव परिणाम घोषित होने के एक दिन बाद प्रदेश भाजपा नेतृत्व की आलोचना करते हुए कहा कि प्रदेश भाजपा का नेतृत्व करनेवाली टीम में कुछ अनुभवहीन लोगों का होना पार्टी के लिए ठीक नहीं है. इसके अलावा श्री खां ने तृणमूल प्रमुख अभिषेक बनर्जी की प्रशंसा भी की.

संवाददाता, कोलकाता

विष्णपुर लोकसभा सीट से लगातार तीन बार जीत हासिल करने वाले सौमित्र खां ने परिणाम घोषित होने के एक दिन बाद प्रदेश भाजपा नेतृत्व की आलोचना करते हुए कहा कि प्रदेश भाजपा का नेतृत्व करनेवाली टीम में कुछ अनुभवहीन लोगों का होना पार्टी के लिए ठीक नहीं है. इसके अलावा श्री खां ने तृणमूल प्रमुख अभिषेक बनर्जी की प्रशंसा भी की. गौरतलब है कि कांग्रेस के पूर्व विधायक सौमित्र खां 2014 में पहली बार तृणमूल के टिकट पर सांसद बने थे. दूसरी बार पार्टी बदलने के बावजूद वह 2019 में बिष्णुपुर से सांसद बने. इस बार के लोकसभा चुनाव में उन्होंने बहुत कम अंतर से ही सही, लेकिन अपनी सीट बरकरार रखी. सौमित्र खां ने अपनी पूर्व पत्नी और हुगली जिला तृणमूल अध्यक्ष सुजाता मंडल के खिलाफ जीत हासिल की. सौमित्र पहली बार करीब 1.5 लाख वोटों से और दूसरी बार 78 हजार वोटों से जीते थे, लेकिन इस बार जीत का अंतर सिर्फ 5,567 वोटों का है. हालांकि, जीत के बाद सौमित्र खां ने दावा किया कि यह जीत भाजपा की वजह से नहीं, बल्कि आरएसएस के ””सौजन्य”” से मिली है. उन्होंने दावा किया कि बंगाल में नेतृत्व की ””लापरवाही”” के कारण सीटें कम हुई हैं. हालांकि, उन्होंने दिल्ली के नेताओं की सराहना की. उन्होंने कहा कि आरएसएस के बिना हम बंगाल में बची सीटें भी नहीं जीत पाते.””

वहीं, सौमित्र खां ने बुधवार को तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी के रणनीति की तारीफ की. सौमित्र खां ने कहा कि अभिषेक बनर्जी ने प्रत्येक लोकसभा की दो विधानसभाओं को निशाना बनाया था और स्थानीय तृणमूल कार्यकर्ता चुनाव की तैयारी के दिन से ही सतर्क थे. वहां प्रदेश भाजपा नेतृत्व ने कुछ नहीं किया. साथ ही उन्होंने कहा कि तृणमूल को अच्छे नतीजे मिले, क्योंकि अभिषेक बनर्जी ने अच्छा काम किया. हालांकि बुधवार को सौमित्र खां ने पूर्व पत्नी सुजाता मंडल की भी तारीफ की. उन्होंने कहा कि सुजाता मंडल ने भी अच्छे नतीजे दिये और अच्छा प्रदर्शन किया है.

वहीं, प्रदेश भाजपा नेतृत्व की आलोचना करते हुए कहा कि प्रदेश भाजपा में ऐसा कोई नेता नहीं है, जिसने चुनाव जीता हो. किसी के पास संगठनात्मक अनुभव नहीं है. भाजपा की हार के कारणों का विश्लेषण करते हुए उन्होंने कहा कि लक्खी भंडार और अल्पसंख्यक वोटों ने तृणमूल के लिए काम किया. सौमित्र खां ने यह भी शिकायत की कि राज्य भाजपा के कुछ शीर्ष नेताओं का तृणमूल के साथ समझौता हो सकता है. अगर ऐसा नहीं होता तो भाजपा कुछ और सीटें जीत सकती थी.

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