चीनी कंपनी वीवो का आईपीएल में टाइटल स्पॉन्सर होने पर कैट ने जताया विरोध, गृह और विदेश मंत्री को लिखा पत्र

Bengal news, Asansol news : भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) द्वारा भारत छोड़कर दुबई में आयोजित किये जा रहे आईपीएल (IPL) में टाइटल स्पॉन्सर (Title sponsor) के रूप में चीनी कंपनी वीवो (Vivo) को बनाये रखने के फैसले का विरोध करते हुए कंफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने इसे हटाने की मांग को लेकर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और केंद्रीय विदेश मंत्री एस जयशंकर को पत्र लिखा है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 3, 2020 9:57 PM

Bengal news, Asansol news : आसनसोल : भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) द्वारा भारत छोड़कर दुबई में आयोजित किये जा रहे आईपीएल (IPL) में टाइटल स्पॉन्सर (Title sponsor) के रूप में चीनी कंपनी वीवो (Vivo) को बनाये रखने के फैसले का विरोध करते हुए कंफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने इसे हटाने की मांग को लेकर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और केंद्रीय विदेश मंत्री एस जयशंकर को पत्र लिखा है.

कैट के पश्चिम बंगाल चैप्टर के चेयरपर्सन सुभाष अग्रवाल ने कहा कि पूरा देश एकजुट होकर चीनी उत्पाद का बहिष्कार कर रहा है. केंद्र सरकार बड़े-बड़े निविदाओं से चीनी कंपनियों को हटा रही है. ऐसे में देश हित को नजरअंदाज कर बीसीसीआई सिर्फ अपनी झोली भरने के लिए चीनी कंपनी द्वारा निर्मित वीवो मोबाइल फोन के प्रचार-प्रसार के लिए उसे टाइटल स्पॉन्सर के रूप में उपयोग करने जा रही है. बीसीसीआई की इस हरकत का कैट निंदा करते हुए विरोध करता है.

मालूम हो कि देश में व्यवसायियों की सबसे बड़ा संगठन कैट ने 10 जून, 2020 से देश में चीनी वस्तुओं के बहिष्कार को लेकर राष्ट्रव्यापी अभियान शुरू किया है. इस अभियान को देशभर की जनता का समर्थन मिल रहा है. इसका सबसे बड़ा उदाहरण राखी पर्व में देखने को मिला. चीन द्वारा निर्मित राखी को लोगों ने पूर्णरूप से बहिष्कार कर देशी निर्मित राखी का व्यवहार किया. बाजारों में भी चीनी निर्मित राखियां नदारद रहीं.

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श्री अग्रवाल ने कहा कि बीसीसीआई द्वारा वीवो को टाइटल स्पॉन्सर बनाना सरकार की नीति और आम जनता की भावनाओं के साथ मजाक किया जा रहा है. ओलिंपिक और विंबलडन जैसे अंतरराष्ट्रीय स्तर के खेल को कोरोना के कारण रोक दिया गया. ऐसे में आईपीएल के आयोजन देश से बाहर जाकर करने का क्या औचित्य है.

उन्होंने कहा कि सरकार ने देश की सुरक्षा और संप्रभुता की रक्षा को लेकर चीन पर निर्भरता को कम करने के लिए चीनी कंपनियों द्वारा निर्मित अनेक उत्पादों के साथ एप पर भी पाबंदी लगाना एक साहसिक कदम है. ऐसे में बीसीसीआई द्वारा चीनी कंपनी के उत्पाद को प्रोत्साहन देना बीसीसीआई द्वारा सीधे सरकार को चुनौती देना है.

बीसीसीआई के इस निर्णय का विरोध करते हुए कैट ने केंद्रीय गृहमंत्री और केंद्रीय विदेश मंत्री को पत्र लिखकर इस आयोजन की मंजूरी नहीं दिये जाने की मांग की गयी है. बीसीसीआई के यह निर्णय लोकल फॉर वोकल और आत्मनिर्भर भारत की राह में सबसे बड़ा रोड़ा बन सकता है.

Posted By : Samir Ranjan.

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