चुनाव में भाजपा कार्यकर्ताओं पर की गयीं 47 एफआइआर, कार्रवाई पर रोक
पूर्व मेदिनीपुर जिले के नंदीग्राम में लोकसभा चुनाव के दौरान भाजपा कार्यकर्ताओं के खिलाफ 47 मामले दर्ज किये गये थे, जिसके खिलाफ भाजपा कार्यकर्ताओं ने कलकत्ता हाइकोर्ट का रुख किया था. बुधवार को मामले की सुनवाई करते हुए हाइकोर्ट की न्यायाधीश अमृता सिन्हा ने भाजपा कार्यकर्ताओं के खिलाफ दर्ज किये गये 47 मामलों में किसी भी तरह की कार्रवाई पर रोक लगा दी.
कोलकाता.
पूर्व मेदिनीपुर जिले के नंदीग्राम में लोकसभा चुनाव के दौरान भाजपा कार्यकर्ताओं के खिलाफ 47 मामले दर्ज किये गये थे, जिसके खिलाफ भाजपा कार्यकर्ताओं ने कलकत्ता हाइकोर्ट का रुख किया था. बुधवार को मामले की सुनवाई करते हुए हाइकोर्ट की न्यायाधीश अमृता सिन्हा ने भाजपा कार्यकर्ताओं के खिलाफ दर्ज किये गये 47 मामलों में किसी भी तरह की कार्रवाई पर रोक लगा दी. इसके साथ ही उन्होंने पुलिस की भूमिका पर भी सवाल खड़े किये. हाइकोर्ट की न्यायाधीश अमृता सिन्हा ने इस मामले की सुनवाई के दौरान कहा कि पुलिस फिलहाल इन एफआइआर के मद्देनजर कोई सख्त कार्रवाई नहीं कर सकती है. वहीं, अदालत ने राज्य से उन एफआइआर की जांच की प्रगति पर रिपोर्ट मांगी है. इस मामले की अगली सुनवाई आगामी मंगलवार को है और राज्य सरकार को उसी दिन अदालत में रिपोर्ट पेश करनी होगी. गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव के दौरान और उसके बाद नंदीग्राम पुलिस स्टेशन में भाजपा कार्यकर्ताओं के खिलाफ कुल 47 शिकायतें दर्ज की गयीं. भाजपा का आरोप है कि उनके कार्यकर्ताओं को झूठे मामलों में फंसाया गया है. विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने इस शिकायत के साथ हाइकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. शुभेंदु अधिकारी के वकील पीएस पटवालिया और बिलबादल भट्टाचार्य ने कोर्ट से कहा कि जानबूझकर इलाके में भाजपा कार्यकर्ताओं के खिलाफ इतने सारे मामले दर्ज किये गये हैं. सिर्फ एक व्यक्ति ने अकेले 34 शिकायतें की है. उसी आधार पर एफआइआर भी दर्ज की गयी. याचिकाकर्ताओं के वकीलों ने कहा कि एफआइआर चार मई से 12 जून के बीच दर्ज की गयी. उन्होंने आरोप लगाया कि इसके पीछे कोई साजिश है, इसलिए याचिकाकर्ता ने सभी एफआइआर की जांच सीबीआइ से कराने की मांग की है. इस मामले में राज्य सरकार का कहना है कि भाजपा कार्यकर्ताओं के खिलाफ विशिष्ट आरोपों के आधार पर एफआइआर दर्ज की गयी है.राज्य पुलिस को जांच जारी रखने दीजिये. अपराध हुआ है या नहीं, यह जांच में सामने आने दीजिये. राज्य के एजी ने मौखिक रूप से अदालत को बताया कि मामले की अगली सुनवाई तक किसी भी आरोपितों को गिरफ्तार नहीं किया जायेगा.
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