Suvendu Adhikari : राजभवन के सामने धरने पर बैठेंगे शुभेंदु अधिकारी, हाईकोर्ट से मिली सशर्त इजाजत

Suvendu Adhikari : न्यायाधीश ने कहा कि 14 जुलाई के कार्यक्रम में कोई भी व्यक्ति आग्नेयास्त्र के साथ भाग नहीं ले सकता है. कार्यक्रम शांतिपूर्ण तरीके से होना चाहिए. वहां किसी भी तरह की गड़बड़ी बर्दाश्त नहीं की जायेगी. यहां तक ​​कि धरने से किसी भी तरह की अभद्र टिप्पणी भी नहीं की जा सकेगी.

By Shinki Singh | July 3, 2024 3:02 PM

Suvendu Adhikari : पश्चिम बंगाल के भाजपा नेता शुभेंदु अधिकारी (Suvendu Adhikari) को कलकता हाईकोर्ट ने राजभवन के सामने चार घंटे तक धरने पर बैठने की अनुमति दे दी है. जस्टिस अमृता सिन्हा ने कहा कि विपक्ष के नेता 14 जुलाई को राजभवन के सामने धरना दे सकेंगे. कोर्ट ने इसकी सशर्त इजाजत दे दी है. राज्य ने सूचित किया है कि उन्हें निश्चित दिनों और निश्चित समय पर भाजपा के शांतिपूर्ण कार्यक्रम पर कोई आपत्ति नहीं है. इसके बाद हाईकोर्ट ने धरने की इजाजत दे दी.

300 से अधिक लोग धरने में नहीं हो सकते है शामिल

बुधवार को कलकत्ता हाई कोर्ट में जस्टिस अमृता सिंह की बेंच में शुभेंदु अधिकारी के मामले की सुनवाई हुई. राज्य के वकील ने कोर्ट को बताया कि अगर शुभेंदु अधिकारी अगर रविवार 14 जुलाई को सुबह 10 बजे से राजभवन के सामने धरने पर बैठते हैं तो उन्हें कोई आपत्ति नहीं है. कार्यक्रम चार घंटे तक किया जा सकता है. राज्य के बयान के मुताबिक, कोर्ट ने कहा कि शुभेंदु उस दिन तय जगह पर कार्यक्रम आयोजित कर सकते हैं. जस्टिस सिन्हा के मुताबिक यह कार्यक्रम 300 लोगों के साथ किया जा सकता है.

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हाईकोर्ट ने कई शर्तों के साथ धरना करने की दी अनुमति

न्यायाधीश ने कहा कि 14 जुलाई के कार्यक्रम में कोई भी व्यक्ति आग्नेयास्त्र के साथ भाग नहीं ले सकता है. कार्यक्रम शांतिपूर्ण तरीके से होना चाहिए. वहां किसी भी तरह की गड़बड़ी बर्दाश्त नहीं की जायेगी. यहां तक ​​कि धरने से किसी भी तरह की अभद्र टिप्पणी भी नहीं की जा सकेगी. शुभेंदु और उनके साथियों को नियमों का पालन करना होगा. वे इन शर्तों का पालन करते हुए कार्यक्रम कर सकते हैं.

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चुनाव बाद हिंसा के पीड़ितों के साथ राजभवन के सामने देंगे धरना

शुभेंदु अधिकारी ने चुनाव बाद हिंसा के पीड़ितों के साथ राजभवन के सामने धरना देने के लिए उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था. राज्य ने शुरू में इस पर आपत्ति जताई थी. उनका कहना था कि वहां धारा 144 लागू है. इसलिए सुरक्षा कारणों से बीजेपी के कार्यक्रम को इजाजत देना संभव नहीं है. इस संदर्भ में शुभेंदु ने सत्ताधारी पार्टी के कार्यक्रम का उदाहरण दिया. 100 दिनों के काम के पैसे की मांग को लेकर तृणमूल के अखिल भारतीय महासचिव अभिषेक बनर्जी राजभवन के सामने लगातार पांच दिनों तक धरने पर बैठे रहे.शुभेंदु ने बिना नाम लिए कोर्ट को वह वाकया बताया. कोर्ट ने कहा कि सत्ताधारी दल के नेता धरने पर बैठे हैं तो वे भी उस जगह पर कार्यक्रम करें, इसका कोई औचित्य नहीं है. कोर्ट ने शुभेंदु के कार्यक्रम के लिए वैकल्पिक जगह ढूंढने को भी कहा गया.

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इसके बाद बीजेपी ने कोर्ट को बताया कि अगर उन्हें राजभवन के सामने कार्यक्रम की इजाजत नहीं मिली तो वे राज्य पुलिस महानिदेशक के कार्यालय के सामने धरने पर बैठना चाहते हैं. बाद में राज्य ने कोर्ट को बताया कि विपक्षी दल के नेता राजभवन के सामने कार्यक्रम कर सकते हैं. राज्य को कार्यक्रम का शेड्यूल तय करने का निर्देश दिया गया. इसके बाद राज्य ने कहा कि विपक्षी दल के नेता रविवार को वह कार्यक्रम कर सकते हैं.

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