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स्कूल जानबूझ कर छात्रों को योग प्रशिक्षण से वंचित नहीं कर सकता : कलकत्ता हाइकोर्ट

कलकत्ता हाईकोर्ट ने निर्देश दिया कि हुगली के स्कूल निरीक्षक के निर्देश को मानते हुए स्कूल अधिकारियों को जल्द से जल्द स्कूल में एनसीसी शुरू करना होगा.

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 13, 2023 7:50 AM

कोलकाता. वाम काल में भी एनसीसी करने में कोई बाधा नहीं थी. लेकिन राज्य में सरकार बदलने के बाद से स्कूल प्रबंधन समिति द्वारा स्कूल में एनसीसी नहीं कराये जाने संबंधी फरमान जारी किया गया. बताया जाता है कि इसकी वजह है कि केंद्र सरकार ने देश की सभी राज्य सरकारों को निर्देश भेजा था कि हर स्कूल में विद्यार्थियों के बीच एनसीसी और फिजिकल एजुकेशन पर जोर दिया जाये. हुगली के भद्रेश्वर के तेलिनीपाड़ा हाइस्कूल में 2008 से एनसीसी का प्रशिक्षण चल रहा था.

मोदी सरकार ने दिया योग पर जोर

2011 में सरकार बदलने के बाद से यह बंद हो गया. इस बीच केंद्र सरकार में बदलाव हुआ. केंद्र में बदलाव के बाद मोदी सरकार ने योग, शारीरिक शिक्षा व स्वास्थ्य जागरूकता पर जोर देना अनिवार्य कर दिया था. केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने इस संबंध में सभी राज्यों को दिशा-निर्देश भेजा. उक्त दिशा-निर्देश केंद्र द्वारा पश्चिम बंगाल को भी भेजा गया था. दिशा-निर्देश में कहा गया कि सभी विद्यालयों में विद्यार्थियों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए योग व्यायाम, शारीरिक कसरत व एनसीसी में शामिल होना अनिवार्य है.

राज्य के कई स्कूलों में नहीं दिया जा रहा एनसीसी प्रशिक्षण

राज्य के सभी स्कूलों में शारीरिक शिक्षा और एनसीसी की शुरुआत होने पर भी लेकिन तेलिनीपाड़ा हाइस्कूल में एनसीसी पर प्रतिबंध है. आरोप है कि ऐसा अलिखित फरमान स्कूल के अधिकारियों ने जारी किया था. केंद्र के आदेश का विरोध करते हुए राज्य के कई स्कूलों में एनसीसी प्रशिक्षण देने में अनिच्छा व्यक्त की, जिनमें से एक तेलिनीपाड़ा भद्रेश्वर हाइस्कूल भी है. स्कूल के प्रधानाध्यापक और प्रबंधन समिति ने 2016 में एनसीसी गतिविधियों को पूरी तरह से बंद करने का फैसला किया.

एनसीसी टीचर ने हाईकोर्ट का खटखटाया दरवाजा

इस स्कूल में, एनसीसी शिक्षक दिब्येंदु विश्वास ने बार-बार अपील की, लेकिन स्कूल प्रबंधन और डीआइ के कान पर जूं नहीं रेंगी. स्कूल के सभी अभिभावकों और एनसीसी के शिक्षकों ने हुगली के स्कूल अधिकारियों और स्कूल इंस्पेक्टर को लिखित शिकायत की है. यह भी आरोप है कि शिकायत मिलने के बाद डीआइ स्कूल द्वारा निर्देश देने के बावजूद स्कूल प्रबंधन ने एनसीसी कार्यक्रम शुरू करने की अनुमति नहीं दी. एनसीसी शिक्षक दिब्येंदु विश्वास ने छात्रों के हित के बारे में सोचते हुए कलकत्ता उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया.

याचिकाकर्ता ने लगाया यह आरोप

याचिकाकर्ता दिब्येंदु विश्वास के वकील आशीष कुमार चौधरी ने मामले की सुनवाई के दौरान अदालत में शिकायत की कि 2008 से, स्कूल, छात्रों को योग, शारीरिक शिक्षा और एनसीसी प्रशिक्षण प्रदान कर रहा था. लेकिन स्कूल प्रबंधन और परिचालन समिति ने जान बूझकर इन सभी सुविधाओं से छात्रों को वंचित करने की कोशिश की है. कोरोना महामारी के कारण पिछले दो वर्षों से स्कूल बंद था. स्कूली छात्रों को घर में नजरबंद कर दिया गया था. धीरे-धीरे सार्वजनिक जीवन सामान्य हो गया.

हाइकोर्ट ने सुनाया अपना फरमान

स्कूल और कॉलेज सामान्य लय में लौट आये. लेकिन तेलिनीपाड़ा भद्रेश्वर उच्च विद्यालय के विद्यार्थियों को शारीरिक व्यायाम व एनसीसी प्रशिक्षण से वंचित कर छात्रों के साथ अन्याय किया जा रहा है. कलकत्ता हाइकोर्ट के न्यायाधीश अनिरुद्ध राय ने स्कूल प्रबंधन समिति के अध्यक्ष को तलब किया. लेकिन स्कूल के अधिकारियों ने कलकत्ता उच्च न्यायालय के आदेश का पालन नहीं किया और वे अदालत में उपस्थित नहीं हुए. न्यायाधीश ने निर्देश दिया कि हुगली के स्कूल निरीक्षक के निर्देश को मानते हुए स्कूल अधिकारियों को जल्द से जल्द स्कूल में एनसीसी शुरू करना होगा.

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