दार्जिलिंग. जम्मू के डोडा में दार्जिलिंग के रहनेवाले कैप्टन बृजेश थापा के शहीद होने की खबर पहुंचते ही स्थानीय लोग उनके घर के सामने जुट गये. सभी सांत्वना देने के लिए पहुंचे थे. शहीद के पिता रिटायर्ड कर्नल भुवनेश्वर थापा ने कहा कि कष्ट तो उन्हें भी हो रहा है, लेकिन बेटे की शहादत पर उन्हें गर्व है. जवान की मां नीलिमा रो रही थीं. शहीद कैप्टन के पिता ने कहा कि बचपन से ही बृजेश को सेना से काफी लगाव था. दार्जिलिंग के लेबंग में उसने प्राथमिक स्तर की पढ़ाई की. 2014 में वह (भुवनेश्वर थापा) रिटायर हुए थे. स्कूली शिक्षा के बाद बृजेश मुंबई में एक इंजीनियरिंग कॉलेज में भर्ती हुए. बीटेक करने के बाद उन्होंने कमांड डिफेंस सर्विस परीक्षा दी. 2018 में परीक्षा पास की. 2019 में वह सेना में शामिल हुए. दो साल तक 10 राष्ट्रीय राइफल में रहे. बाद में उनका सेना के विशेष विभाग 145 आर्मी एयर डिफेंस के अधीन जम्मू कश्मीर के डोडा में सेना छावनी में तबादला किया गया. वहां पर वह ए-कंपनी का कमांडर था. सोमवार को अपने ट्रूप के साथ डोडा में चार घंटा दूर एक जंगल में अभियान चलाने के दौरान वह आतंकियों द्वारा किये गये फायरिंग में शहीद हो गया.
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