1962 के फुटबॉल एशियाई खेलों में भारत को स्वर्ण पदक दिलाने वाले कप्तान का निधन
पश्चिम बंगाल के मशहूर फुटबॉलर चुन्नी गोस्वामी का निधन हो गया है.
कोरोना से बचाव के लिए एक तरफ पूरे देश में लोग घरों के अंदर सिमटे हुए हैं तो वहीं दूसरी तरफ पश्चिम बंगाल के मशहूर फुटबॉलर चुन्नी गोस्वामी का निधन हो गया है. गुरुवार अपराह्न उन्होंने अंतिम सांस ली है. वह 82 वर्ष के थे. मशहूर फुटबॉलर होने के साथ-साथ बंगाल के बुद्धिजीवी वर्ग में शामिल थे. उनके निधन के बाद क्रीड़ा जगत में शोक की लहर पसरी हुई है. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने उनके निधन पर शोक जताया है तथा खेल मंत्री अरूप विश्वास उनके घर पहुंच कर परिवार के सदस्यों को सांत्वना दी. पारिवारिक सूत्रों ने बताया कि जोधपुर पार्क के निजी नर्सिंग होम में उन्होंने अंतिम सांस ली. पश्चिम बंगाल सरकार ने उन्हें वर्ष 2013 में बंग विभूषण के सम्मान से सम्मानित किया था.
उल्लेखनीय है कि 15 जनवरी 1938 को अविभाजित बंगाल के किशोरगंज जिले में जन्मे सुबिमल गोस्वामी को चुन्नी गोस्वामी के उपनाम से जाना जाता था. वह भारत के पूर्व अंतरराष्ट्रीय फुटबॉलर और फर्स्ट क्लास क्रिकेट के खिलाड़ी थे. स्ट्राइकर के रूप में उन्होंने 50 अंतरराष्ट्रीय मैचों में भारत का प्रतिनिधित्व किया था. बंगाल के लिए उन्होंने रणजी ट्रॉफी भी खेली थी.
भारत को 1962 में अपनी कप्तानी में एशियाई खेलों में फुटबॉल का स्वर्ण पदक दिलाने वाले चुन्नी गोस्वामी को बंगाल क्रिकेट संघ (कैब) ने वर्ष 2012 में लाइफ टाइम अचीवमेंट पुरस्कार से सम्मानित किया था. यह पुरस्कार उन्हें बंगाल क्रिकेट में योगदान के लिए दिया गया था. गोस्वामी ने प्रथम श्रेणी क्रिकेट में 46 मैच खेले थे. जिसमें उन्होंने 1592 रन बनाने के अलावा 47 विकेट लिए थे और 40 कैच लपके थे. इस पुरस्कार में गोस्वामी को एक लाख रुपये दिए गये थे. बाद में वर्ष 2013 में पश्चिम बंगाल सरकार ने उन्हें बंग विभूषण के सम्मान से भी सम्मानित किया था. उनके निधन से बंगाल के खेल जगत में शोक की लहर छा गयी है.