Sandeshkhali Incident : पुलिस के बाद सीबीआई ने संदेशखाली मामले में दर्ज की पहली प्राथमिकी
Sandeshkhali Incident : कलकत्ता उच्च न्यायालय ने 10 अप्रैल को पश्चिम बंगाल के संदेशखाली में महिलाओं के खिलाफ अपराध और जमीन हड़पने के आरोपों की अदालत की निगरानी में सीबीआई जांच का आदेश दिया था और कहा था कि न्याय के हित में "निष्पक्ष जांच' जरूरी है.
Sandeshkhali Incident : केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने पश्चिम बंगाल के संदेशखाली में पांच प्रभावशाली लोगों के खिलाफ जमीन हड़पने और यौन उत्पीड़न के आरोपों के संबंध पहला मामला दर्ज किया है. अधिकारियों ने बताया कि यह मामला भूमि हड़पने का है जहां पीड़ित परिवार की महिलाओं को प्रभावशाली लोगों से कथित रूप से यौन उत्पीड़न का सामना करना पड़ा.सीबीआई ने पांच आरोपियों और पीड़ितों की पहचान अब तक उजागर नहीं की है.
सीबीआई ने शिकायत करने के लिए लोगों के लिए जारी की थी ईमेल आईडी
कलकत्ता उच्च न्यायालय ने 10 अप्रैल को पश्चिम बंगाल के संदेशखाली में महिलाओं के खिलाफ अपराध और जमीन हड़पने के आरोपों की अदालत की निगरानी में सीबीआई जांच का आदेश दिया था और कहा था कि न्याय के हित में “निष्पक्ष जांच’ जरूरी है. सीबीआई ने ऐसे मामलों में शिकायत करने के लिए लोगों के लिए एक ईमेल आईडी जारी की थी जिसमें बड़ी संख्या में शिकायतें प्राप्त हुई. एजेंसी ने आरोपों का पता लगाने और उन मामलों को दर्ज करने के लिए संदेशखाली में एक टीम भेजी थी, जहां आरोपों को प्रथम दृष्टया सत्यापित किया जा सके.
संदेशखाली क्षेत्र के दौरे के दौरान शुरुआती सत्यापन के बाद सीबीआई ने भूमि हड़पने और महिलाओं पर हमले के आरोप में ऐसी पहली प्राथमिकी दर्ज की है.इससे पहले संदेशखालीकांड में पुलिस ने शाहजहां शेख के सहयोगी और गिरफ्तार तृणमूल नेता शिव प्रसाद हाजरा उर्फ शिबू के खिलाफ दुष्कर्म के दो आरोप दर्ज किए थे. शिकायतकर्ता के गुप्त बयान के आधार पर शिबू के खिलाफ बशीरहाट सब-डिविजनल कोर्ट में मामला दर्ज किया गया था. पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए जाने के बाद शाहजहां शेख पहले सीबीआई की हिरासत में थे और फिर ईडी ने उन्हें अपने हिरासत में ले लिया है.