Primary Recruitment Case : शिक्षक भर्ती घोटाले में सीबीआई की ओएमआर शीट के लिए छापेमारी जारी
Primary Recruitment Case : जब्त किए गए सर्वर और हार्ड डिस्क का डेटा प्राप्त करने के लिए फोरेंसिक परीक्षण किया जाएगा. हमारे अधिकारी विशेष रूप से ओएमआर शीट की डिजिटल प्रतियों की तलाश कर रहे हैं, अगर उन्हें बैकअप के रूप में संग्रहित किया गया था.
Primary Recruitment Case : पश्चिम बंगाल में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो के अधिकारियों ने शिक्षक भर्ती घोटाले (Teacher Recruitment Scam) में कथित अनियमितताओं की जांच के तहत शुक्रवार को कोलकाता स्थित एक निजी कंपनी के परिसरों पर छापेमारी अभियान जारी रखा है. मिली जानकारी के अनुसार कोलकाता के दक्षिणी एवेन्यू क्षेत्र में मैसर्स एस बसु रॉय एंड कंपनी के खिलाफ जारी छापेमारी के दौरान सीबीआई अधिकारियों ने दो सर्वर और हार्ड डिस्क जब्त किए. उन्होंने बताया कि उनका प्राथमिक ध्यान भर्ती परीक्षाओं में इस्तेमाल किए गए ऑप्टिकल मार्क रिकॉग्निशन (ओएमआर) शीट के डिजिटल बैकअप का पता लगाने पर है.
ओएमआर शीट की डिजिटल प्रतियों की तलाश जारी
अधिकारी ने बताया कि दल में छह अधिकारी और दो साइबर क्राइम विशेषज्ञ शामिल थे. जब्त किए गए सर्वर और हार्ड डिस्क का डेटा प्राप्त करने के लिए फोरेंसिक परीक्षण किया जाएगा. हमारे अधिकारी विशेष रूप से ओएमआर शीट की डिजिटल प्रतियों की तलाश कर रहे हैं, अगर उन्हें बैकअप के रूप में संग्रहित किया गया था. पिछले सप्ताह, कलकत्ता उच्च न्यायालय ने सीबीआई को निर्देश दिया था कि वह 2014 में आयोजित शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) की स्कैन की गई ओएमआर शीट वाले मूल या नष्ट हो चुके सर्वर, डिस्क या अन्य भंडारण मीडिया का पता लगाकर उन्हें पुनः प्राप्त करे.
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मामले की अगली सुनवाई होनी है 23 अगस्त को
अदालत ने सीबीआई को यह भी निर्देश दिया था कि वह एनआईसी, विप्रो, टीसीएस, इन्फोसिस आदि जैसे विशेषज्ञ सार्वजनिक या निजी संगठनों से सहायता प्राप्त करे, ताकि यह पता लगाया जा सके कि क्या मौजूदा सर्वर, हार्ड डिस्क और कंप्यूटर मैसर्स एस बासु रॉय एंड कंपनी के हैं, जिसका टीईटी परीक्षा प्रक्रिया के लिए कुछ काम कथित तौर पर आउटसोर्स किया गया था. पश्चिम बंगाल प्राथमिक शिक्षा बोर्ड (डब्ल्यूबीबीपीई) के पास टीईटी 2014 की स्कैन की गई मूल ओएमआर शीट के कोई डिजिटल निशान हैं ? इसने आदेश दिया कि इन विशेषज्ञ एजेंसियों द्वारा किए गए खर्च को सीबीआई की मांग पर डब्ल्यूबीबीपीई द्वारा वहन किया जाएगा.अदालत ने कहा कि एक बार ‘डिजिटल फुटप्रिंट’ तैयार हो जाने के बाद, इसे कभी भी प्राप्त किया जा सकता है. मामले की अगली सुनवाई 23 अगस्त को होनी है.