केंद्रीय जांच एजेंसी के अधिकारी टाला थाना पहुंचे, केस डायरी को लिया कब्जे में, तीन हफ्ते में देनी है जांच रिपोर्ट
संवाददाता, कोलकाताकलकत्ता हाइकोर्ट ने मंगलवार को आरजी कर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में जूनियर महिला चिकित्सक के साथ दुष्कर्म व हत्या के मामले की जांच कोलकाता पुलिस से लेकर केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआइ) को सौंप दी. मामले की सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायाधीश टीएस शिवगणनम की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने कोलकाता पुलिस को निर्देश दिया कि वह मंगलवार शाम तक केस डायरी केंद्रीय जांच एजेंसी को सौंप दे तथा बुधवार सुबह 10 बजे तक अन्य सभी दस्तावेज सुपुर्द कर दे. अदालत ने आदेश पारित करते हुए कहा कि पांच दिन बीत जाने के बाद भी कोलकाता पुलिस की जांच में कोई उल्लेखनीय प्रगति नहीं हुई है. अदालत ने घटना की जांच सीबीआइ को सौंपते हुए तीन सप्ताह के अंदर रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया. खंडपीठ ने घटना के संबंध में राज्य सरकार से विस्तृत रिपोर्ट तलब की है. इसके साथ ही कोर्ट ने आरजी कर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल के अधीक्षक से अस्पताल में आधारभूत सुविधाओं को लेकर रिपोर्ट पेश करने के लिए कहा है. मामले की अगली सुनवाई तीन सप्ताह बाद होगी. उधर, अदालत से आदेश मिलते ही सीबीआइ ने मंगलवार को ही महिला चिकित्सक से दुष्कर्म और हत्या की जांच अपने हाथ में ले ली. जांच एजेंसी ने हाइकोर्ट के आदेश के कुछ ही घंटों के भीतर सभी औपचारिकताएं पूरी कर लीं, जिसमें राज्य पुलिस को मामले के दस्तावेज केंद्रीय जांच एजेंसी (सीबीआइ) को सौंपने का निर्देश दिया गया था. सीबीआइ अधिकारी ने बताया कि फॉरेंसिक और चिकित्सा विशेषज्ञों के साथ दिल्ली से जांच एजेंसी के अधिकारियों का एक दल बुधवार को कोलकाता पहुंचेगा. हाइकोर्ट का आदेश मिलने के बाद सीबीआइ के अधिकारी टाला पुलिस स्टेशन पहुंचे और उनसे मामले की केस डायरी अपने कब्जे में ले ली. सूत्रों के अनुसार, संबंधित मामले से जुड़े दस्तावेज व शिकायत की प्रति लेने के साथ ही जांच में पुलिस द्वारा तथ्यों के स्थानांतरण की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गयी है.पीठ ने कहा कि मामले की अगली सुनवाई तीन सप्ताह बाद होगी और तब सीबीआइ प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी.हत्या का केस पहले दर्ज क्यों नहीं हुआ : हाइकोर्ट
हाइकोर्ट ने राज्य सरकार से सवाल किया कि महिला चिकित्सक से दुष्कर्म एवं हत्या के मामले में शुरुआत में ही हत्या का मुकदमा क्यों नहीं दर्ज किया गया और अप्राकृतिक मौत के कोण से जांच क्यों शुरू की गयी. मुख्य न्यायाधीश टीएस शिवगणनम ने राज्य सरकार के वकील से यह सवाल तब पूछा, जब उन्होंने दावा किया कि अप्राकृतिक मौत का मामला दर्ज किया गया है, क्योंकि हत्या की तत्काल कोई शिकायत नहीं मिली थी. खंडपीठ ने कहा कि स्नातकोत्तर प्रशिक्षु चिकित्सक का शव सड़क किनारे नहीं मिला था और अस्पताल के अधीक्षक या प्राचार्य शिकायत दर्ज करा सकते थे. राज्य सरकार के अधिवक्ता ने कहा कि घटना में एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है और 25 से अधिक लोगों के बयान दर्ज किये गये हैं. उन्होंने यह भी दावा किया कि जांच उचित तरीके से की जा रही है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है