WB News : पश्चिम बंगाल में भूपतिनगर घटना के बीच विपक्षी नेता शुभेंदु अधिकारी (Suvendu Adhikari) के इलाके कांथी में 30 तृणमूल नेताओं और कार्यकर्ताओं को सीबीआई ने तलब किया है. हालांकि भूपतिनगर में एनआईए द्वारा दो तृणमूल नेताओं की गिरफ्तारी से पहले कांथी के तृणमूल नेताओं व कार्यकर्ताओं को तलब किया गया था. तृणमूल सूत्रों के मुताबिक, जिन लोगों को समन भेजा गया था, उनमें से किसी ने भी सीबीआई का सामना नहीं किया है. सत्ता पक्ष के मुताबिक ये सब बीजेपी की साजिश के तहत हो रहा है. लोगों को वोट देने से पहले केंद्रीय एजेंसियों द्वारा डराने-धमकाने का काम किया जा रहा है.
क्या है मामला
स्थानीय सूत्रों के मुताबिक, 2021 विधानसभा चुनाव के दौरान बीजेपी समर्थकों पर कांथी-3 ब्लॉक की तृणमूल नेता नंदा माइती की पिटाई का आरोप लगा था. उस घटना में इलाके के ही रहने वाले बीजेपी के दपूते नेता जन्मेजय दलुई का नाम शामिल था. चुनाव के बाद बीजेपी नेता की हत्या हो गई और उसका आरोप तृणमूल पर लगा. बीजेपी नेता का शव खाली मैदान से बरामद किया गया. बाद में इस घटना को ‘वोटिंग के बाद हिंसा’ मामले में शामिल कर लिया गया.
कलकत्ता उच्च न्यायालय के आदेश पर सीबीआई ‘चुनाव बाद हिंसा’ मामले की जांच शुरु की
कलकत्ता उच्च न्यायालय के आदेश पर सीबीआई ‘चुनाव बाद हिंसा’ मामले में हत्या और बलात्कार के आरोपों की जांच कर रही है. तृणमूल सूत्रों का कहना है कि सीबीआई के नोटिस के जवाब में हमने बताया है कि चुनाव कार्य में व्यस्त होने के कारण हम नहीं जा सकते. गौरतलब है कि एनआईए की टीम शनिवार को पूर्व मेदिनीपुर जिले के भूपतिनगर में साल 2022 में हुए विस्फोट के मामले में दो मुख्य संदिग्धों को गिरफ्तार करने गई थी, लेकिन भीड़ ने जांच एजेंसी की टीम पर कथित तौर पर हमला कर दिया था. वहीं, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने जांचकर्ताओं के द्वारा ग्रामीणों पर हमला किए जाने का आरोप लगाया, जिससे राजनीतिक विवाद छिड़ गया.
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