केंद्र ने फार्मा व मेडटेक सेंटर बनाने के लिए आवंटित की 700 करोड़ की राशि
सरकार ने 700 करोड़ रुपये आवंटित किये हैं, जो पांच साल में दिये जायेंगे.
पश्चिम बंगाल सहित सात राज्यों में स्थित है एनआइपीइआर
संवाददाता, कोलकाता
केंद्र सरकार ने देश में फार्मा और चिकित्सा प्रौद्योगिकी को बढ़ावा देने के लिए नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फार्मास्यूटिकल एजुकेशन एंड रिसर्च सेंटर (एनआइपीइआर) के तहत सेंटर ऑफ एक्सीलेंस स्थापित करने का फैसला किया है. इसके लिए सरकार ने 700 करोड़ रुपये आवंटित किये हैं, जो पांच साल में दिये जायेंगे. रसायन और उर्वरक मंत्रालय के तहत फार्मास्यूटिकल्स विभाग (डीओपी) द्वारा जारी एक नोटिस के अनुसार, 700 करोड़ रुपये में से 243 करोड़ रुपये की राशि 2024-25 के लिए स्वीकृत की गयी है. वर्तमान में सात राज्यों में एनआईपीईआर हैं जो मोहाली (पंजाब), अहमदाबाद (गुजरात), हाजीपुर (बिहार), हैदराबाद (तेलंगाना), कोलकाता (पश्चिम बंगाल), गुवाहाटी (असम) और रायबरेली (उत्तर प्रदेश) में स्थित हैं.
एनआइपीइआर विभिन्न क्षेत्रों में चिकित्सा उपकरण विनिर्माण, थोक दवा अनुसंधान एवं विकास, फाइटो फार्मास्युटिकल, जैविक चिकित्सा विज्ञान तथा एंटीवायरल और जीवाणुरोधी दवा की खोज और विकास के साथ अनुसंधान पर फोकस करेंगे. पूर्व स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने कहा कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 2023 में 2027-28 तक पांच वर्षों के लिए 5,000 करोड़ रुपये के खर्च के साथ फार्मा मेडटेक क्षेत्र में अनुसंधान और नवाचार को बढ़ावा देने की योजना को मंजूरी दी थी. 2023 में एक संसदीय पैनल ने फिर से सिफारिश की कि सरकार राष्ट्रीय चिकित्सा उपकरण शिक्षा और अनुसंधान संस्थान और फार्मा-मेडटेक क्षेत्र में भारतीय अनुसंधान एवं विकास और नवाचार परिषद की स्थापना जैसी नयी पहलों के लिए अधिक धन आवंटित करे.
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