परिवहन विभाग का निजीकरण करना चाहता है केंद्र :ऋतब्रत

दुर्गापुर सरकारी बस डिपो के पास आइएनटीटीयूसी की सभा में प्रांतीय अध्यक्ष ने साधा निशाना, बोले

By Prabhat Khabar News Desk | July 6, 2024 1:43 AM

दुर्गापुर. राज्य की सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस की श्रमिक इकाई आइएनटीटीयूसी के प्रदेश अध्यक्ष ऋतब्रत बनर्जी ने आरोप लगाया कि केंद्र की भाजपा नीत राजग सरकार देश की सरकारी परिवहन संस्थाओं, रेल, बंदरगाह , एयरलाइंस आदि के निजीकरण की दिशा में अग्रसर है. केंद्र ने 29 श्रम कानूनों को रद्द कर दिया है. श्रमिकों से आठ घंटे के बजाय 12 घंटे ड्यूटी कराने को सचेष्ट है. लेकिन इसका राज्य सरकार पुरजोर विरोध कर रही है. प्रांतीय अध्यक्ष ने आश्वस्त किया कि जब तक राज्य की सत्ता में तृणमूल रहेगी, तब तक ट्रेड यूनियन के अधीन काम करनेवाले श्रमिकों को 12 घंटा ड्यूटी नहीं करने दी जायेगी. वह दुर्गापुर के गैराज मोड़ के पास दक्षिण बंगाल राज्य परिवहन निगम के मुख्य कार्यालय के करीब आइएनटीटीयूसी अनुमोदित एसबीएसटीसी इंप्लाइज एसोसिएशन के डेपुटेशन कार्यक्रम में पहुंचे थे. यहां परिवहन संस्था के अधीन कार्यरत श्रमिकों की विभिन्न मांगों पर एक ज्ञापन, परिवहन संस्था के एमडी को सौंपा गया. कार्यक्रम से पहले यूनियन की ओर से एक रैली निकाली गयी. जो विभिन्न इलाकों से होकर गुजरी. कार्यक्रम के दौरान मुख्य रूप से ऋतब्रत बनर्जी के साथ जिलाध्यक्ष अभिजीत घटक, नेता दीपंकर लाहा, प्रभात चटर्जी समेत कई यूनियन नेता मौजूद थे. श्री बनर्जी ने कहा कि परिवहन संस्था में कई ऐसे अधिकारी हैं, जो नियमित सरकार के खिलाफ काम कर सरकार को बदनाम करने में लगे हैं. से लोग कभी भी संस्था के हितकर नहीं हो सकते. विभागीय अधिकारियों की कथित उदासनीता से बस डिपो में काम करनेवाले श्रमिक अपने हक से वंचित हैं. ठेका पर काम करनेवाले श्रमिक भी सही वेतन, चिकित्सा व अन्य अधिकारों से वंचित हैं. सरकारी बस डिपो में काम करनेवाले श्रमिको को नियमित न्यूनतम 26 दिन का काम, वेतन पर्ची, ट्रेड यूनियनों के परामर्श के बिना कोई निर्णय नहीं लिया जा सकता है. ऋतब्रत ने आगे कहा कि भाजपा के श्रमिक संगठनों को गाइडलाइंस नहीं पता हैं. वे मजदूरों के हित के लिए कुछ नहीं करते. इसके उलट तृणमूल श्रमिकों के हक व मसलों के हल के लिए प्रयासरत हैं. ऋतब्रत ने चेतावनी दी कि एसबीएसटीसी के जो ठेकेदार श्रमिकों को वेतन पर्ची नहीं दे रहे हैं, उन्हें ब्लैक लिस्ट किया जायेगा. वहीं, कार्यक्रम के दौरान आगामी 21 जुलाई को कोलकाता में होनेवाली शहीद दिवस सभा में समस्त श्रमिकों से बढ़-चढ़कर हिस्सा लेने की अपील की गयी.

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