WB News : पिछले दो साल से 10 दिन रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) मद में केंद्र सरकार ने बंगाल का पैसा रोक रखा है. केंद्र सरकार (Central government) ने मनरेगा के तहत श्रमिकों की मजदूरी बढ़ाने का फैसला किया है. हालांकि इसमें भी बंगाल के साथ सौतेला व्यवहार किया गया है. अन्य राज्यों में जहां 10 फीसदी तक मजदूरी बढ़ाई गई है, वहीं बंगाल के लिए इस मद में मजदूरी सिर्फ पांच फीसदी बढ़ाई गई हैं. गुजरात, मध्य प्रदेश जैसे डबल इंजन राज्यों में 10 प्रतिशत तक की वृद्धि हुई है.राज्य की सत्ताधारी पार्टी तृणमूल कांग्रेस ने फैसले पर आपत्ति जताते हुए केंद्र के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है.
बढ़ा वेतन 1 अप्रैल से हो जाएगा लागू
गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने 100 दिन रोजगार गांरटी योजना के लिए संशोधित वेतन की अधिसूचना जारी की. बढ़ा वेतन 1 अप्रैल से लागू हो जाएगा. बंगाल में मनरेगा के तहत जॉब कार्ड धारक श्रमिकों की दैनिक मजदूरी अब पांच फीसदी बढ़कर 237 रुपये से 250 रुपये हो जाएगी. जबकि आंध्र प्रदेश में 10.9 प्रतिशत, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में 9.9 प्रतिशत मजदूरी में वृद्धि हुई है. गुजरात में 9.3 प्रतिशत की वृद्धि हुई और बिहार में 7.4 प्रतिशत की वृद्धि हुई. हरियाणा और सिक्किम के श्रमिकों को सबसे अधिक 374 रुपये मजदूरी मिलेगी.
बंगाल की जनता के लिए यह मोदी का एक और जुमला
केंद्र के इस फैसले पर राज्य के पंचायत मंत्री प्रदीप मजूमदार ने सवाल उठाए हैं. तंज कसते हुए उन्होंने कहा कि चुनाव से पहले बंगाल की जनता के लिए यह मोदी का एक और जुमला भर है क्योंकि, राज्य में पिछले दो साल से मनरेगा का पैसा बंद है. इसलिए यह अधिसूचना सिर्फ चुनाव के दौरान लोगों को गुमराह करने के लिए है. तृणमूल के राज्यसभा सांसद शाकेत गोखेल के मुताबिक, बंगाल के प्रति बीजेपी की नफरत का पांच प्रतिबिंब है. महिला कांग्रेस प्रमुख अलका लांबा ने दावा किया कि चुनावी आचार संहिता लागू है, इस बीच, मोदी सरकार वेतन वृद्धि की अधिसूचना जारी करके मतदाताओं को प्रभावित करने की कोशिश की है.
ममता बनर्जी पर टिप्पणी करके खुद कटघरे में खड़े हो गये दिलीप घोष, पार्टी ने भेजा नोटिस
59 लाख जॉब कार्डधारकों काे मिलेगा पैसा
गौरतलब है कि दिसंबर 2021 से राज्य में मनरेगा का बकाया रोका गया है. आखिरकार ममता बनर्जी की सरकार ने 59 लाख जॉब कार्डधारकों का बकाया चुकाया. केंद्र ने मनरेगा के अलावा आवास योजना के भी 8,000 करोड़ रुपये रोक रखे हैं. हालांकि केंद्र ने दावा किया था कि पैसा दे दिया गया है. तृणमूल के अखिल भारतीय महासचिव अभिषेक बनर्जी ने इसे पूरी तरह झूठ बताया है’.