सीइओ ने की डीएम व एसपी के साथ बैठक,उतारे जायेंगे 613 कंपनी केंद्रीय पुलिस बल
राज्य की सात सीटों के लिए 567 क्यूआरटी की तैनाती
कोलकाता. पांचवें चरण में सोमवार को राज्य की सात लोकसभा सीटों के लिए मतदान होगा. ऐसे में इस चरण में चुनाव को शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न कराये जाने के लिए चुनाव आयोग की ओर से विशेष व्यवस्था की गयी है. इस चरण में बनगांव, बैरकपुर, हावड़ा, उलुबेड़िया, श्रीरामपुर, हुगली और आरमबाग सीट पर मतदान है. ऐसे इ, चरण के चुनाव को शांतिपूर्ण ढंग से कराये जाने के लिए राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीइओ) डॉ आरिज आफताब ने शुक्रवार को संबंधित जिलों के जिलाधिकारी और पुलिस अधिक्षकों के साथ बैठक की. चुनाव को निष्पक्ष ढंग से कराये जाने के लिए सीइओ ने संबंधित जिलों के उक्त प्रशासनिक अधिकारों को सभी तरह के इंतजाम किये जाने का निर्देश दिया है. वहीं, सीइओ दफ्तर के सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार, पांचवें चरण में कुल 650 कंपनी केंद्रीय पुलिस बल को उतारा जायेगा. इनमें से 613 कंपनी को चुनाव ड्यूटी में लगाया जायेगा. जबकि, 37 कंपनी स्ट्रांग रूम की सुरक्षा करेंगे. वहीं चुनाव के दौरा किसी भी प्रकार की गड़बड़ी व अन्य आपराधिक घटनाओं पर रोक लगाने के लिए 567 क्विक रिस्पांस (क्यूआरटी) टीम तैनात रहेगी. एक क्यूआरटी में केंद्रीय पुलिस बल का एक सेक्शन यानी आठ जवान, एक कंपनी कमांडर, राज्य के एक पुलिसकर्मी के साथ दो वैन (वाहन) होते हैं.
त्रिस्तरीय सुरक्षा घेरे में होंगे मतगणना केंद्र
राज्य में चार जून को मतगणना केंद्रों और उसके आसपास तीन स्तरीय सुरक्षा परत होगी. पश्चिम बंगाल के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) कार्यालय के सूत्रों ने बताया कि मतगणना केंद्रों पर सुरक्षा की आंतरिक स्तर केवल केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) के जवानों द्वारा नियंत्रित किया जायेगा और प्रत्येक केंद्र पर सीएपीएफ की एक कंपनी तैनात की जायेगी. सुरक्षा परत के दूसरे और तीसरे स्तर का प्रबंधन राज्य पुलिस बलों द्वारा किया जायेगा, जिसमें सशस्त्र बलों के कर्मी भी शामिल होंगे. इसके अलावा 200 मीटर के दायरे में धारा 144 लागू रहेगी. सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि मतगणना हॉल सहित प्रत्येक मतगणना केंद्र पर सीसीटीवी लगाये जायेंगे. संभावित पुनर्मतगणना संबंधी अनियमितताओं की जांच के उद्देश्य से इन सीसीटीवी कैमरों के फुटेज को संरक्षित किया जायेगा. चुनाव आयोग के सूत्रों ने बताया है कि सुरक्षा बढ़ा दी गयी है, क्योंकि कुछ राजनीतिक दलों ने मतगणना संबंधी अनियमितताओं की आशंका व्यक्त की है. भाजपा ने मांग की है कि भविष्य निधि और पेंशन संरचना के तहत आने वाले केवल स्थायी राज्य सरकार के कर्मचारियों को ही मतगणना से संबंधित ड्यूटी सौंपे जाने चाहिए, न कि अस्थायी कर्मचारियों को. भाजपा के प्रदेश महासचिव जगन्नाथ चट्टोपाध्याय के मुताबिक 2021 के पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में मतगणना संबंधी अनियमितताओं की कई शिकायतें मिलीं. हम अस्थायी कर्मचारियों को शामिल करने की योजना के बारे में जानकारी प्राप्त कर रहे हैं. इन्हें राज्य सरकार से पहचान पत्र देकर चुनावी ड्यूटी में तैनात किया जाता है, ताकि अनियमितता की जा सके. इसलिए हमने मांग की है कि पीएफ संरचना के तहत आने वाले केवल स्थायी राज्य सरकार के कर्मचारियों को ही मतगणना के काम में लगाया जाये.
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