ट्रेडिंग में निवेश कर कम अवधि में अधिक मुनाफा पाने की लालच में 6.50 लाख की हुई ठगी
हीरापुर थाना क्षेत्र बर्नपुर आरएसटीएस कॉलोनी की निवासी स्मृतिरेखा मोहंती को साइबर अपराधियों ने शेयर ट्रेडिंग में कम अवधि में अधिक मुनाफा का झांसा देकर 6.50 लाख रुपये का चूना लगा दिया. श्रीमती मोहंती ने 13 मार्च 2024 से चार अप्रैल 2024 तक नियमित अंतराल पर साइबर अपराधियों के दिशानिर्देश पर निवेश किया
आसनसोल. हीरापुर थाना क्षेत्र बर्नपुर आरएसटीएस कॉलोनी की निवासी स्मृतिरेखा मोहंती को साइबर अपराधियों ने शेयर ट्रेडिंग में कम अवधि में अधिक मुनाफा का झांसा देकर 6.50 लाख रुपये का चूना लगा दिया. श्रीमती मोहंती ने 13 मार्च 2024 से चार अप्रैल 2024 तक नियमित अंतराल पर साइबर अपराधियों के दिशानिर्देश पर निवेश किया. जब पैसे निकालने की बारी आयी तो सारे मोबाइल फोन आउट ऑफ रीच हो गया. उसके बाद उन्हें समझ में आया कि वह साइबर ठगी की शिकार हो गयी हैं. उन्होंने साइबर क्राइम थाना में शिकायत दर्ज करायी. कांड संख्या 39/24 में अज्ञात आरोपियों के खिलाफ आइपीसी की धारा 419/420/406/120बी के तहत प्राथमिकी दर्ज हुई है. पुलिस उपायुक्त (वेस्ट सह साइबर क्राइम) आशीष मौर्य ने कहा कि हाल के दिनों में ट्रेडिंग के नाम पर साइबर अपराधी लोगों को लालच देकर अपने झांसे में फंसा रहे हैं. महीनों तक लोग उनके निर्देशों पर अपनी राशि का निवेश करते हैं. जब तक उन्हें पता चलता है कि वे ठगी के शिकार हुए हैं, काफी देर हो चुकी होती है. ठगी की राशि की शिकायत जितनी जल्दी हो, राशि बरामदगी की संभावना उतनी ज्यादा होती है. पुलिस की ओर से लोगों को लगातार जागरूक किया जा रहा है कि किसी प्रकार की लालच में आकर बिना अच्छी तरह जांचे परखें ऑनलाइन निवेश न करें. इसके बावजूद भी लोग लालच में आकर निवेश कर रहे हैं और ठगी के शिकार हो रहे हैं. बर्नपुर निवासी श्रीमती मोहंती ने बताया कि वे पिछले आठ नौ माह से जिरोधा प्लेटफॉर्म के माध्यम से ट्रेडिंग में शामिल है. ट्रेडिंग के दौरान उन्होंने पाया कि किसी ने उन्हें सदस्य के रूप में जोड़ते हुए किसी ने व्हाट्सएप ग्रूप बनाया है. जिसके बाद उस ग्रुप में चैटिंग के जरिये एलिस ऐप डाउनलोड करने का निर्देश मिला. जिसके बाद उन्हें ऑनलाइन ट्रेडिंग संबिधित अनेकों संदेश मिला. इसके बाद ठग उन्हें अपने झांसे में लेकर आगे बढ़ते रहे. श्रीमती मोहंती उनके निर्देशों का पालन करती रही. कम अवधि में अच्छा मुनाफा पाने के मास्टरस्ट्रोक में वह फंस गयी और 13 मार्च से चार अप्रैल तक 6.50 लाख रुपये निवेश किया. जब निकासी की बारी आयी तो उनके सारे मोबाइल फोन संपर्क से बाहर हो गया.
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