आसनसोल.
चौथे चरण में राज्य के आठ लोकसभा सीटों बहरमपुर, कृष्णनगर, रानाघाट, बर्दवान पूर्व, बर्दवान दुर्गापुर, आसनसोल, बोलपुर और बीरभूम पर होने वाले चुनाव में सबसे ज्यादा क्रिटिकल बूथों की संख्या बीरभूम जिला के दो सीटों बोलपुर और बीरभूम में है. बीरभूम में चुनाव को लेकर काफी तनाव रहता है. शांति की दृष्टिकोण से पश्चिम बर्दवान जिला का आसनसोल लोकसभा सीट उक्त आठ सीटों में से दूसरे स्थान पर है. पहले स्थान पर बर्दवान पूर्व लोकसभा सीट है. जहां क्रिटिकल बूथों की संख्या सबसे कम है. राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने यह आंकड़ा जारी करते हुए बताया कि 16 मार्च 2024 से अबतक पुलिस ने 496 अवैध हथियार, 685 राउंड गोली, 41.36 किलों विस्फोटक और 1179 बम जब्त किया है. एक मार्च 2024 से अबतक कुल 286.12 करोड़ रुपये नकदी सहित अन्य सामग्री जब्त किया है. जिसमें 20.63 करोड़ रुपये नकदी, 68.45 करोड़ रुपये मूल्य की शराब, 28.90 करोड़ रुपये मूल्य की ड्रग्स, 45.58 करोड़ रुपये मूल्य की कीमती धातु और 122.55 करोड़ रुपये की अन्य सामग्री जब्त किया है.क्रिटिकल बूथों के आधार पर आठ लोस सीटों की क्या है स्थिति
चौथे चरण में राज्य के जिन आठ लोकसभा सीटों पर चुनाव होगा उसमें से बोलपुर में कुल 1979 बूथों में से 659 को क्रिटिकल, बीरभूम में कुल 1943 बूथों में 640 क्रिटिकल, बहरमपुर में 1879 बूथों में से 558 क्रिटिकल, बर्दवान दुर्गापुर में सबसे अधिक 2039 बूथों में से 422 क्रिटिकल, रानाघाट में कुल 1943 बूथों में से 410 क्रिटिकल, कृष्णनगर में कुल 1841 सीटों में से 338 क्रिटिकल, आसनसोल में 1901 बूथों में से 319 क्रिटिकल और सबसे कम बर्दवान पूर्व सीट में कुल 1942 सीटों में से 301 क्रिटिकल हैं. हालांकि चुनाव के अंतिम समय तक इसकी स्थिति में बदलाव हो सकता है. इन क्रिटिकल बूथों पर माइक्रो ऑब्जर्वर की तैनाती होगी.कैसे चिह्नित करते हैं क्रिटिकल बूथ
चुनाव आयोग के नियमानुसार क्रिटिकल बूथों को चिन्हित करने का कुछ मापदंड होता है, जिसके आधार पर बूथों को क्रिटिकल घोषित किया जाता है. जिसमें ऐसे मतदान केंद्र जहां पिछले चुनाव में 90 फीसदी से अधिक मतदान हुआ हो, जहां 75 फीसदी से अधिक वोट एक ही उम्मीदवार के पक्ष में गया हो, ऐसे मतदान केंद्र जहां 10 फीसदी से कम मतदान हुआ हो, ऐसे मतदान केंद्र जहां पिछले पांच वर्षों में लोकसभा या विधानसभा चुनाव के दौरान मतदान की प्रक्रिया में गड़बड़ी या बूथ कैप्चरिंग जैसे चुनावी अपराध के कारण पुनर्मतदान कराया गया हो, ऐसे मतदान केंद्र जहां पिछले पांच वर्षों के दौरान चुनाव के दिन हिंसा हुई हो और जिसकी प्राथमिकी दर्ज हुई हो, किसी विशेष क्षेत्र में असामान्य कानून और व्यवस्था के बारे में कोई जानकारी हो, एसप्रकर के बूथों को क्रिटिकल घोषित किया जाता है. समय-समय पर इसकी समीक्षा होती है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है