बारासात.
उत्तर 24 परगना जिले के अशोकनगर में चुनावी जनसभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने जलपाईगुड़ी जिले में रामकृष्ण मिशन परिसर में तोड़फोड़ की घटना में तृणमूल कांग्रेस के शामिल होने के भाजपा के आरोपों पर कड़ा रुख अपनाया. उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा संपत्ति विवाद के कारण हुई घटना में उनकी पार्टी को फंसाने के लिए झूठ बोल रही है. बारासात लोकसभा सीट से तृणमूल उम्मीदवार काकोली घोष दस्तीदार के समर्थन में चुनावी सभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि वह हमेशा से रामकृष्ण मिशन और अन्य सामाजिक-धार्मिक संगठनों की समर्थक रही हैं. उन्होंने दावा किया कि उन्होंने कोलकाता में सिस्टर निवेदिता के आवास और स्वामी विवेकानंद के जन्मस्थान का जीर्णोद्धार कराया. उन्होंने कहा कि वह धर्मों के बीच भेदभाव नहीं करतीं और सभी धर्मों के उपासना स्थलों के नवीनीकरण के लिए काम करती हैं. ममता बनर्जी ने कहा कि उनकी पार्टी के खिलाफ गलत सूचना फैलाकर उन्हें और उनकी पार्टी को बदनाम करने के लिए वह मानहानि का मुकदमा दायर कर सकती हैं. अगर राज्य में कुछ भी होता है, तो एक प्रशासक के रूप में रिपोर्ट तुरंत उनके पास आती है. उन्हें ऐसी कोई जानकारी नहीं मिली. उन्होंने कहा कि वह रामकृष्ण मिशन जैसे अन्य धार्मिक संगठनों का बहुत सम्मान करती हैं. रामकृष्ण मिशन के एक पदाधिकारी ने सोमवार को कहा था कि उपद्रवियों ने जलपाईगुड़ी जिले में रामकृष्ण मिशन के परिसर में तोड़फोड़ की और हथियारों का भय दिखाकर संतों और अन्य कर्मचारियों को जगह छोड़ने की धमकी दी. उन्होंने बताया कि रविवार सुबह हुई इस घटना के पीछे एक स्थानीय भू-माफिया का हाथ है. ममता बनर्जी ने भाजपा पर संदेशखाली में दंगा कराने की साजिश रचने का भी आरोप लगाया. उन्होंने आरोप लगाया कि मार्क्सवादियों ने कोलकाता में अपने शासन के दौरान 19 आनंदमार्गियों को जलाकर मार डाला था और जो लोग मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के लिए काम करते थे, वे अब भाजपा के साथ हैं.उन्होंने कहा कि तृणमूल का पश्चिम बंगाल में माकपा के साथ कोई समझौता नहीं है, लेकिन लोकसभा चुनाव के बाद केंद्र में सरकार बनाने में वह विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ का समर्थन करेंगी.
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