क्या अब मुझे सड़क पर झाड़ू लगाने जाना पड़ेगा

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को राज्य में नगर निगम एवं नगरपालिकाओं के कामकाज पर सवाल उठाते हुए जनप्रतिनिधियों से लेकर प्रशासनिक अधिकारियों तक को कड़ी फटकार लगायी. उन्होंने कहा कि कहीं सड़क पर कब्जा किया जा रहा है, तो कहीं दिन-रात स्ट्रीट लाइट जल रही है. कहीं निकासी व्यवस्था बदहाल है, तो कहीं धड़ल्ले से अवैध निर्माण हो रहा है.

By Prabhat Khabar News Desk | June 25, 2024 12:05 AM

कोलकाता.

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को राज्य में नगर निगम एवं नगरपालिकाओं के कामकाज पर सवाल उठाते हुए जनप्रतिनिधियों से लेकर प्रशासनिक अधिकारियों तक को कड़ी फटकार लगायी. उन्होंने कहा कि कहीं सड़क पर कब्जा किया जा रहा है, तो कहीं दिन-रात स्ट्रीट लाइट जल रही है. कहीं निकासी व्यवस्था बदहाल है, तो कहीं धड़ल्ले से अवैध निर्माण हो रहा है. मुख्यमंत्री ने स्पष्ट रूप से कहा कि इस वसूली के गिरोह में पुलिस, निकाय कर्मचारी, जनप्रतिनिधि सभी मिले हुए हैं. सीएम ने जनप्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए कहा कि मुझे तोलाबाज (रुपये वसूलने वाले) मास्टर की जरूरत नहीं है. हमें जनसेवक चाहिए, जो लोगों की सेवा करें. आगामी चुनाव में उन्हीं लोगों को टिकट मिलेगा, जो लोगों की सेवा के लिए कार्य करेंगे. मुख्यमंत्री ने काम नहीं करने पर नगरपालिकाओं पर जुर्माना लगाने की चेतावनी भी दी. ममता बनर्जी ने कहा कि स्ट्रीट लाइटें घंटों जल रही हैं. पैसा कहां से आ रहा है? यह आम लोगों का पैसा है. पानी की बर्बादी हो रही है. हमें स्वचालित प्रणाली लागू करने पर जोर देना चाहिए.”

लोगों को सेवाएं ही न मिलें, तो नगरपालिका-पंचायत का क्या फायदा : मुख्यमंत्री ने कई इलाकों जिक्र करते हुए कहा कि अगर लोगों को सही प्रकार से सेवाएं ही नहीं, मिलेंगी तो नगरपालिका-पंचायत रखने का क्या फायदा? कहीं मैनहोल का ढक्कन खुला होता है, तो लोग उसे उठाकर बेच देते हैं. उसके लिए कोई सिस्टम क्यों नहीं बनाया जा रहा? क्यों बर्बाद हो रहा है पानी? कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है. नगर निगम व नगरपालिकाओं का प्रदर्शन भयानक है. इन्हें क्यों बनाया गया, मुझे नहीं पता. सब कहते हैं, अलग नगरपालिका बनाओ, जनता को सेवा न मिले तो फायदा ही क्या है.

अतिक्रमण से खत्म हो रही बंगाल की पहचान

मुख्यमंत्री ने सड़कों की मरम्मत, गंदगी साफ करने में लापरवाही समेत नगरपालिकाओं और नगर निगम की नागरिक सेवाओं को लेकर अपना गुस्सा जाहिर किया. सोमवार को नबान्न सभागार में प्रशासनिक अधिकारियों एवं जनप्रतिनिधियों के साथ बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा,“ क्या अब मुझे सड़क पर झाड़ू लगाने जाना पड़ेगा? तुम लोग बस देखोगे? लोग परेशान हैं और प्रशासन कोई सुध नहीं ले रहा है. कहीं अतिक्रमण है, तो उसके खिलाफ कोई कार्रवाई क्यों नहीं होती? कई लोग इसमें शामिल हैं, जिनकी मिलीभगत से यह हो रहा है.” उन्होंने कहा कि वह किसी व्यक्ति विशेष का नाम लेकर किसी को असहज नहीं करना चाहती. लेकिन यह सच है कि एक ग्रुप बन गया है. जब उन्हें कोई खाली जगह दिखती है, तो वे लोगों को बिठा देते हैं. बंगाल की पहचान खत्म हो रही है. राज्य की छवि खराब हो

रही है.

दीघा-शंकरपुर और हल्दिया विकास प्राधिकरण की जरूरत पर उठाये सवाल

मुख्यमंत्री ने कहा कि दीघा-शंकरपुर विकास प्राधिकरण और हल्दिया विकास प्राधिकरण जैसे बोर्ड की क्या जरूरत है? वहां पहले से ही नगरपालिका है. फिर इनके रखने का क्या लाभ? यह इस तरह से जारी नहीं रह सकता. उन्होंने कहा कि अब से कौन अधिकारी कितना काम कर रह रहा है और उसकी समीक्षा की जायेगी और उनके कार्यकाल के दौरान हुए कार्यों की जांच होगी.

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