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मोदी के ध्यान का टीवी प्रसारण हुआ तो तृणमूल आयोग से करेगी शिकायत

बुधवार को मुख्यमंत्री व तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी ने जादवपुर लोकसभा सीट पर अपनी पार्टी की उम्मीदवार सायनी घोष के समर्थन में बारुईपुर पूर्व में सभा की. इस दौरान चेतावनी दी कि यदि कन्याकुमारी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ध्यान का टेलीविजन पर प्रसारण किया जाता है, तो उनकी पार्टी तृणमूल निर्वाचन आयोग से शिकायत करेगी. उन्होंने कहा कि यदि ऐसा होता है, तो यह आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन होगा.

कोलकाता.

बुधवार को मुख्यमंत्री व तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी ने जादवपुर लोकसभा सीट पर अपनी पार्टी की उम्मीदवार सायनी घोष के समर्थन में बारुईपुर पूर्व में सभा की. इस दौरान चेतावनी दी कि यदि कन्याकुमारी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ध्यान का टेलीविजन पर प्रसारण किया जाता है, तो उनकी पार्टी तृणमूल निर्वाचन आयोग से शिकायत करेगी. उन्होंने कहा कि यदि ऐसा होता है, तो यह आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन होगा.

भाजपा के नेताओं के अनुसार 30 मई को लोकसभा चुनाव का प्रचार अभियान समाप्त हो जाने के बाद प्रधानमंत्री मोदी कन्याकुमारी के विवेकानंद रॉक मेमोरियल में ‘ध्यान’ करेंगे. यह मेमोरियल स्वामी विवेकानंद के प्रति श्रद्धांजलि के तौर पर बनाया गया है. इस दिन मुख्यमंत्री बनर्जी ने कहा, ‘‘यदि ऐसा हो तो हम शिकायत करेंगे. वह ध्यान लगा सकते हैं, लेकिन टेलीविजन उसे नहीं दिखा सकते हैं.” उन्होंने सवाल किया, ‘‘क्या किसी को ध्यान लगाने के लिए कैमरे की जरूरत होती है?’ यह चुनाव प्रचार के समापन तथा चुनाव की तारीख के बीच के ‘मौन काल’ (साइलेंस पीरियड) के दौरान प्रचार करने का एक तरीका है.”

भाजपा नेताओं के अनुसार मोदी ध्यान मंडपम में 30 मई की शाम से एक जून शाम तक ध्यान लगायेंगे, ध्यान मंडप ऐसा स्थल है, जिसके बारे में माना जाता है कि यहीं विवेकानंद को ‘भारत माता’ के बारे में दिव्य दृष्टि प्राप्त हुई थी. प्रधानमंत्री मोदी आध्यात्मिक महापुरुष विवेकानंद के बहुत बड़े प्रशंसक हैं.

जिस मैदान में प्रधानमंत्री मोदी ने जादवपुर संसदीय क्षेत्र के भाजपा प्रत्याशी के पक्ष में गत मंगलवार को एक चुनावी सभा को संबोधित किया था, उसी मैदान में तृणमूल सुप्रीमो ने दावा किया कि हर चुनाव में जब अंतिम चरण का मतदान होना होता है, तब वह (मोदी) उसके 48 घंटे पहले ध्यान पर चले जाते हैं. प्रधानमंत्री वर्ष 2019 के प्रचार अभियान के बाद भी केदारनाथ की एक गुफा में इसी प्रकार ध्यान पर बैठ गये थे. सुश्री बनर्जी ने केंद्र में सत्तारूढ़ भाजपा पर सरकारी कंपनियों में हिस्सेदारी बेचने का आरोप लगाया.

उन्होंने कहा, ‘‘यदि वे (भाजपा वाले) इस बार सत्ता में आ गये तो कोई राजनीतिक पार्टी, चुनाव, स्वतंत्रता, धर्म, मानवता या संस्कृति नहीं होगी (बचेगी).’’ तृणमूल सुप्रीमो ने मोदी के इस बयान को खारिज करने की कोशिश की कि भाजपा बंगाल में सबसे अच्छा परिणाम हासिल करेगी. इसका मतलब है कि वे (चुनाव) हार गये हैं, उन्हें बंगाल में रसगुल्ला (शून्य) मिलेगा.”

मुख्यमंत्री ने कहा कि तृणमूल कांग्रेस केंद्र में सरकार गठन में ‘इंडिया’ गठबंधन को अपना ‘समर्थन’ देगी, लेकिन उन्होंने बंगाल में लोगों से मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी या कांग्रेस को वोट नहीं देने की भी अपील की, क्योंकि इससे (माकपा या कांग्रेस को वोट देने से) भाजपा को मदद मिलेगी.’’

मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘यदि मैं कांग्रेस से बाहर आकर तृणमूल कांग्रेस नहीं बनायी होती ,तो आज भी हम बंगाल में माकपा को हरा नहीं पाते. बंगाल से माकपा की सरकार को उखाड़ फेंकने के लिए मैं 34 सालों तक उसके खिलाफ लड़ती रहीं. यदि हम वह हासिल कर पाये, तो हम भाजपा को भी हरा सकते हैं और हम ऐसा करके रहेंगे.’’

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