मुख्यमंत्री का चार दिवसीय नयी दिल्ली दौरा आज से
मुख्यमंत्री व तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी गुरुवार को चार दिवसीय दौरे पर नयी दिल्ली जायेंगी. राज्य सचिवालय के सूत्रों के अनुसार, मुख्यमंत्री गुरुवार दोपहर के समय कोलकाता एयरपोर्ट से नयी दिल्ली के लिए रवाना होंगी.
कल पीएम से मुलाकात कर सकती हैं ममता संवाददाता, कोलकाता मुख्यमंत्री व तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी गुरुवार को चार दिवसीय दौरे पर नयी दिल्ली जायेंगी. राज्य सचिवालय के सूत्रों के अनुसार, मुख्यमंत्री गुरुवार दोपहर के समय कोलकाता एयरपोर्ट से नयी दिल्ली के लिए रवाना होंगी. वह शुक्रवार को पीएम मोदी के साथ अलग से बैठक कर सकती हैं, हालांकि, अब तक इस बारे में औपचारिक रूप से कोई जानकारी नहीं दी गयी है. जानकारी के अनुसार, मुख्यमंत्री ने पीएम मोदी से मिलने के लिए समय मांगा है. बताया गया है कि शुक्रवार को ही वह नयी दिल्ली में पार्टी सांसदों के साथ भी बैठक करेंगी. इसके अलावा मुख्यमंत्री वहां इंडिया गठबंधन के शीर्ष नेताओं से भी मिलेंगी. वहीं, शनिवार को मुख्यमंत्री नयी दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आयोजित होने वाली नीति आयोग की बैठक में शामिल होंगी और रविवार को कोलकाता वापस लौट आयेंगी. गौरतलब है कि 27 जुलाई को नीति आयोग की ‘गवर्निंग काउंसिल’ की नौवीं बैठक है. शनिवार को आयोजित होने वाली नीति आयोग के बैठक के पहले नीति आयोग के साथ केंद्र सरकार पर राज्य के बकाया राशि का विवरण साझा करेंगी. बताया गया है कि केंद्र सरकार पर पश्चिम बंगाल का विभिन्न योजनाओं के लगभग 1.71 लाख करोड़ रुपये से अधिक बकाया है. इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने बैठक के एजेंडा की कॉपी भी साझा करने की मांग की है. जानकारी के अनुसार, नीति आयोग की बैठक में सीएम ममता बनर्जी केंद्र सरकार के समक्ष मनरेगा और पीएम आवास योजना सहित अन्य केंद्रीय योजनाओं के लिए लंबित केंद्रीय बकाया का मुद्दा उठायेंगी. गौरतलब है कि सुश्री बनर्जी ने पिछले साल 20 दिसंबर को संसद भवन में पीएम मोदी से मुलाकात की थी और उस दौरान सीएम ने केंद्र से राज्य के एक लाख 16 हजार करोड़ रुपये बकाये के भुगतान की मांग की थी. लेकिन प्रधानमंत्री के आश्वासन के बावजूद केंद्र ने अब तक राज्य का बकाया नहीं चुकाया है. वहीं, मुख्यमंत्री नीति आयोग की पिछली बैठक में शामिल नहीं हुई थीं. अपनी जगह मुख्यमंत्री के आर्थिक सलाहकार अमित मित्रा या किसी राज्य मंत्री को भेजने का प्रस्ताव दिया था, जिसे केंद्र सरकार ने खारिज कर दिया था.
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