राजनीतिक कटुता में मिठास घोलेगी मैंगो डिप्लोमेसी
मुख्यमंत्री प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर दिल्ली के राजनीतिक गलियारों में वीवीआइपी नेताओं को बंगाल का आम व एक शुभेच्छा पत्र भेजी हैं. दूसरी ओर, दिल्ली वालों के लिए बंगाल के आम का स्वाद चखाने के लिए कनाट प्लेस में मैंगो फेस्टिवल का भी आयोजन किया गया है.
कोलकाता.
नयी दिल्ली में इन दिनों बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की मैंगो डिप्लोमेसी चर्चा का विषय बना हुआ है. मुख्यमंत्री प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर दिल्ली के राजनीतिक गलियारों में वीवीआइपी नेताओं को बंगाल का आम व एक शुभेच्छा पत्र भेजी हैं. दूसरी ओर, दिल्ली वालों के लिए बंगाल के आम का स्वाद चखाने के लिए कनाट प्लेस में मैंगो फेस्टिवल का भी आयोजन किया गया है. हाल ही में संपन्न लोकसभा चुनाव में तृणमूल कांग्रेस ने बंगाल में इंडिया गठबंधन के अन्य दलों के लिए एक इंच जगह भी नहीं छोड़ी. कुल 42 सीटों में अकेले 29 पर कब्जा करके ममता बनर्जी ने अपनी पकड़ का अहसास करा दिया. राजनीतिक मैदान में कटुता दिनोंदिन बढ़ती गयी. इसका प्रमाण चुनाव बाद की हिंसा और विरोधी पार्टियों की बयानबाजी है. इसी बीच, ममता बनर्जी की मैंगो डिप्लोमेसी के तहत पीएम नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जीवाइ चंद्रचूड़, राष्ट्रपति द्रौपदी मूर्मू, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ समेत अन्य हस्तियों को आम भेजे गये हैं. इसे राजनीति से परे बताया गया है, क्योंकि ममता बनर्जी हर साल जानी-मानी हस्तियों को आम भेजती हैं. इस साल भी भेजी हैं. मुख्यमंत्री द्वारा भेजे गये आम में बंगाल का मशहूर हीमसागर, लंगड़ा, मल्लिका व आम्रपाली के कुल 10 किलोग्राम आम की टोकरी है. लोगों का कहना है कि ममता राजनीतिक कड़वाहट को आमों के मिठास से भुलाना चाहती है, इसलिए इस साल भी वह मैंगो डिप्लोमेसी का सहारा ली हैं. वहीं, तृणमूल कांग्रेस के नेताओं का कहना है कि राजनीति के मैदान में लड़ाई चलती रहेगी, लेकिन सौजन्यता व सम्मान की धारा नहीं टूटनी चाहिए.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है