चोपड़ा की घटना पर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग गंभीर

राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने सोमवार को कहा कि उसने पश्चिम बंगाल सरकार और राज्य के पुलिस प्रमुख को चोपड़ा की घटना पर नोटिस जारी किया है.

By Prabhat Khabar Print | July 2, 2024 2:17 AM

एजेंसियां, कोलकाता/नयी दिल्ली

राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने सोमवार को कहा कि उसने पश्चिम बंगाल सरकार और राज्य के पुलिस प्रमुख को चोपड़ा की घटना पर नोटिस जारी किया है. आयोग ने एक बयान में कहा कि मुख्य अपराधी कथित रूप से “पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ राजनीतिक दल ” से जुड़ा हुआ है और वह सामने आये वीडियो में लोगों के एक समूह से घिरे जोड़े की बुरी तरह पिटायी करते दिख रहा है.

आयोग ने कहा कि मीडिया की खबर में घटना से संबंधित सोशल मीडिया पर आये एक वीडियो को भी उद्धृत किया है. बयान के अनुसार, इस मुद्दे की गंभीरता को देखते हुए आयोग के महानिदेशक (जांच) से कहा गया है कि वे ‘तत्काल एक टीम का गठन करें और उसे घटनास्थल पर भेजकर मामले में तथ्यान्वेषी जांच करके रिपोर्ट जल्द से जल्द आयोग को सौंपें तथा इस टीम का नेतृत्व वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक से कम रैंक के अधिकारी द्वारा नहीं किया जाना चाहिए.’ बयान में कहा गया है कि आयोग ने उत्तर दिनाजपुर जिले में एक जोड़े की लोगों के एक समूह द्वारा सार्वजनिक रूप से बेरहमी से पिटायी करने का स्वत: संज्ञान लिया है. 30 जून को मीडिया में आयी खबर के अनुसार पीड़ित युगल के बीच प्रेम संबंध के आरोपों पर नाराज ग्रामीणों ने एक पंचायत में चर्चा की.

बयान में कहा गया है कि इसके बाद आरोपियों ने दोनों की पिटायी शुरू कर दी. आयोग ने कहा कि अगर समाचार की सामग्री सही है, तो जोड़े के मानवाधिकारों के उल्लंघन का गंभीर मुद्दा उत्पन्न होता है. बयान में कहा गया है कि तदनुसार, आयोग ने पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक को नोटिस जारी करके एक सप्ताह के भीतर विस्तृत रिपोर्ट मांगी है. बयान में कहा गया है कि इसमें पुलिस जांच की स्थिति, पीड़ितों की स्वास्थ्य स्थिति और उन्हें प्रदान किये गये उपचार (यदि कोई हो) की जानकारी शामिल होनी चाहिए. इसमें कहा गया है कि आयोग यह भी जानना चाहेगा कि राजनीतिक रूप से संरक्षित गुंडों द्वारा नागरिकों के मानवाधिकारों के उल्लंघन की ऐसी घटनाएं फिर न हों, यह सुनिश्चित करने के लिए राज्य सरकार द्वारा क्या कदम उठाये गये हैं या उठाये जाने का प्रस्ताव है.

आयोग ने कहा कि यह “कोई अकेली घटना नहीं है ” जो हाल ही में पश्चिम बंगाल राज्य में हुई है, जिसमें कानून को अनियंत्रित तत्वों ने अपने हाथ में लिया और निर्दोष लोगों, विशेषकर महिलाओं को प्रताड़ित किया.

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