विश्वभारती को सुंदर बनाये रखने को बनी कमेटी
विश्वविद्यालय को यूनेस्को की मान्यता के बाद जिला प्रशासन हुआ तत्पर
बोलपुर. यूनेस्को की मान्यता के बाद शांतिनिकेतन को और खूबसूरत बनाने की जिम्मेदारी विश्वभारती के साथ-साथ जिला प्रशासन की भी है. शांतिनिकेतन को सुंदर बनाये रखने के लिए जिला प्रशासन ने आठ सदस्यों की विशेष कमेटी बनायी है. जिलाधिकारी के निर्देश पर बोलपुर महकमा पुलिस अधिकारी के कक्ष में मान्यता के दायरे, प्रतिबंध, सीमाएं, बफर जोन और कोर एरिया को लेकर बैठक हुई. चर्चा में विश्व भारती, बोलपुर नगर पालिका, श्रीनिकेतन-शांतिनिकेतन विकास बोर्ड, निर्माण विभाग, शांतिनिकेतन ट्रस्ट, टोटो यूनियन सहित वरिष्ठ आश्रमों और पूर्ववर्तियों ने कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर निर्णय लिए मालूम हो कि जिला प्रशासन ने 8 लोगों की कमेटी बनाकर नियंत्रण बनाए रखने के लिए विशेष पहल की है. एक विरासत स्थल के रूप में, इस क्षेत्र में आश्रम परिसर, पाठभवन, कलाभवन, संगीतभवन, उत्तरायण हैं. रवीन्द्रनाथ के निवास स्थान उत्तरायण में पाँच गृह हैं – उदयन, उदिचि, श्यामोली, पुंश्च, कोणार्क इसके अलावा पूजा घर और छतीमतला सभी को विरासत स्थलों के रूप में सूचीबद्ध किया गया है. स्थानीय निवासियों को क्या करना है, इस पर भी लंबी चर्चा हुई. विश्व भारती के कार्यवाहक सचिव अशोक महतो ने कहा, मैं जिला प्रशासन की पहल से खुश हूं. बफर जोन, कोर एरिया पर भी विशेष रूप से चर्चा की गई है. शांतिनिकेतन और उसके आसपास ट्रैफिक जाम, साफ-सफाई, टोटो की समस्या, पार्किंग जोन आदि पर लंबी चर्चा हुई. बाद में संयुक्त सर्वे कराकर देखा जाएगा कि पार्किंग जोन कहां बनाया जा सकता है. साथ ही, कहां अवांछित गतिविधियां हो रही हैं, कहां समस्याएं हैं, कैंपस में लॉटरी की बिक्री, नशीली दवाओं की बिक्री, इस पर पुलिस प्रशासन ने सहयोग का आश्वासन दिया है. अनुमंडल प्रशासन सूत्रों के अनुसार, टोटो नियंत्रण, ट्रैफिक जाम की समस्या दूर करने, साफ-सफाई पर जोर दिया गया है. प्रारंभ में पार्किंग को दो स्थानों पर ज़ोन किया जाएगा – एक स्विमिंग पूल क्षेत्र में और दूसरा रत्नापल्ली नीमतला में.हालांकि, विशेष कमेटी 6 अगस्त को दौरा करेगी. टाउन हॉल, नगर पालिका, श्रीनिकेतन-शांतिनिकेतन विकास बोर्ड हमेशा सहयोग का हाथ का आश्वाशन दिया है. एक नया ड्रॉप गेट भी उपलब्ध कराया जाएगा. वरिष्ठ आश्रम निवासी प्रीतम राय, कल्पिका मुखोपाध्याय, सुबीर बनर्जी ने कहा कि पारंपरिक वास्तुकला को कोई नुकसान न हो इसका ख्याल रखा जाएगा. टोटो नियंत्रण, ट्रैफिक जाम और प्रदूषण नियंत्रण पर भी चर्चा की गयी. अब शांतिनिकेतन के पूर्व निवासियों की जिम्मेदारी बहुत बढ़ गयी है.
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