मॉनसून ने दी दस्तक, पर नहीं बदली बदहाल सड़कों की हालत
पिछले सात महीने के अंदर निगम इलाके में सड़कें खराब होने की वजह से कुल 68 दुर्घटनाएं हुई हैं
पिछले सात महीने के अंदर निगम इलाके में सड़कें खराब होने की वजह से कुल 68 दुर्घटनाएं हुई हैं
संवाददाता, हावड़ा
शहर में माॅनसून ने दस्तक दे दी है. लोगों को तपिश भरी गर्मी से भले ही थोड़ी राहत मिली हो, लेकिन शहर के विभिन्न इलाकों में करीब 150 किलोमीटर तक बदहाल हो चुकीं सड़कों की मरम्मत शुरू नहीं होने से वाहन चालकों और राहगीरों की परेशानी बरकरार है.
बताया जा रहा है कि फंड की कमी की वजह से मरम्मत कार्य नहीं किया जा सका. बारिश थमने के बाद ही काम शुरू होगा. सड़कों पर बने बड़े-बड़े गड्ढों के कारण वाहन चालकों की काफी परेशानी होती है. शहर की स्थिति ऐसी तब है, जबकि पिछले दिनों राज्य सचिवालय नबान्न में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने हावड़ा नगर निगम के कामकाज पर असंतोष जताया था. सीएम ने अवैध निर्माण, जल जमाव, अवैध पार्किंग, सड़कों पर पसरी गंदगी और सड़कों की बदहाली पर यहां के प्रशासक और शहरी अंचल के चार विधायकों पर नाराजगी जाहिर की थी.
जानकारी के अनुसार, निगम इलाके में (वार्ड एक-50) की करीब 150 किलोमीटर सड़कों की हालत ठीक नहीं है. टिकियापाड़ा इएम बाइपास, बनारस रोड, जीटी रोड (दक्षिण व उत्तर) सहित शहर के कई इलाकों में सड़कें टूटी हुई हैं. नियम के अनुसार, मॉनसून आने के पहले सड़कों की मरम्मत कर ली जाती है, लेकिन इस बार ऐसा नहीं हुआ. बताया जा रहा है कि सिटी पुलिस की ओर से हावड़ा नगर निगम को पत्र लिख कर शहर की मुख्य सड़कों की स्थिति ठीक करने के लिए कहा गया है. ट्रैफिक विभाग के एक सीनियर अधिकारी ने बताया कि पिछले सात महीने के अंदर निगम इलाके में सड़कें खराब होने की वजह से कुल 68 दुर्घटनाएं हुई हैं.
उन्होंने बताया कि अधिकतर छोटे वाहन दुर्घटना के शिकार हुए हैं. बारिश के दिनों में यहां अधिकतर इलाके जलमग्न हो जाते हैं. ऐसे में छोटे वाहनों के चालक दुर्घटना के शिकार होते हैं. पुलिस ट्रैफिक व्यवस्था को व्यवस्थित करने के लिए पूरी तरह से तैयार है, लेकिन इसके लिए सड़कों का दुरूस्त होना जरूरी है.
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