कोलकाता. अधीर रंजन चौधरी प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष हैं या नहीं, इसे लेकर संशय बना हुआ है. कांग्रेस हाइकमान के कुछ नेता एक बैठक में अधीर को उनके सामने ही पूर्व अध्यक्ष कह चुके हैं, तो अधीर के विरोधी उनका विकल्प देने का दबाव बना रहे हैं. इस बीच, हाइकमान के स्टैंड से नाराज अधीर अपने गुस्से का इजहार कर चुके हैं.
वहीं, अधीर चौधरी ने खुद को हटाये जाने पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा : जिस दिन मल्लिकार्जुन खरगे पार्टी के अध्यक्ष बने, उसी दिन पार्टी के संविधान के अनुसार देश में पार्टी के सभी अन्य पद अस्थायी हो गये. यहां तक कि मेरा पद भी अस्थायी हो गया. जब चुनाव चल रहे थे, तब मल्लिकार्जुन खरगे ने टेलीविजन पर कहा कि यदि आवश्यक हुआ, तो मुझे बाहर रखा जायेगा, जिससे मैं परेशान हो गया. पश्चिम बंगाल में भी चुनाव परिणाम पार्टी के लिए अच्छे नहीं रहे. भले ही मैं अस्थायी तौर पर पार्टी अध्यक्ष था, लेकिन यह मेरी जिम्मेदारी थी. जिसके बाद मैंने मल्लिकार्जुन खरगे से कहा कि यदि संभव हो, तो आप मेरी जगह किसी और को रख सकते हैं.इस बीच मुझे एआइसीसी द्वारा पश्चिम बंगाल के कांग्रेस नेताओं की एक बैठक बुलाने के लिए सूचित किया गया, क्योंकि पार्टी दो प्रस्ताव पारित करना चाहती थी. मुझे पता था कि बैठक मेरी अध्यक्षता में बुलायी गयी थी और मैं अभी भी पश्चिम बंगाल कांग्रेस का अध्यक्ष था. लेकिन बैठक के दौरान गुलाम अली मीर ने संबोधित करते हुए कहा कि पूर्व अध्यक्ष भी यहां हैं. उस समय, मुझे पता चला कि मैं (पश्चिम बंगाल कांग्रेस का) पूर्व अध्यक्ष बन गया हूं.
तृणमूल नेताओं के निशाने पर हैं अधीर
इस बीच, तृणमूल कांग्रेस अधीर प्रकरण पर लगातार चुटकी ले रही है, क्योंकि राज्य की राजनीति में अधीर ममता बनर्जी के घोर विरोधी माने जाते हैं. तृणमूल नेता कुणाल घोष ने कहा : ऐसा लगता है कि अधीर चौधरी निष्कासन का इंतजार कर रहे हैं और भविष्य में भाजपा में शामिल होंगे. वहीं, तृणमूल कांग्रेस की नेता व राज्य की मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य ने कहा : हम क्या कह सकते हैं? कुणाल घोष तो पहले ही कह चुके हैं. अधीर हमारी पार्टी से नहीं हैं. और न हम चाहते हैं कि वह यहां आयें. हो सकता है कि वह अन्य पार्टियों से बात कर रहे हों. हो सकता है कि वह निष्कासन का इंतजार कर रहे हों. मुझे नहीं पता. मुझे भी यह सुनकर आश्चर्य हुआ कि अधीर को पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कहकर संबोधित किया गया.
तृणमूल कांग्रेस सांसद कीर्ति आजाद ने कहा : उन्हें (अधीर) पहले ही बाहर कर दिया जाना चाहिए था. दीदी (ममता बनर्जी) ने सीट बंटवारे को लेकर चुनाव से पहले कांग्रेस से मिलने की पेशकश की थी. लेकिन अधीर की वजह से ऐसा नहीं हो सका. तृणमूल कांग्रेस के खिलाफ उनकी भाषा शालीन नहीं रही है. गौरतलब है कि अधीर चौधरी ने लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को अपना इस्तीफा सौंप दिया था, क्योंकि कांग्रेस बंगाल में सिर्फ एक सीट पर ही सिमट गयी. अधीर चौधरी इस बार अपनी सीट बहरमपुर भी हार गये थे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है