कोलकाता.
राज्य में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के समर्थक शिक्षाविदों के मंच ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से अपील की है कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से औद्योगिक घरानों द्वारा काला धन जमा करने संबंधी टिप्पणियों के पीछे की परिस्थितियों की जांच करायें. राज्य विश्वविद्यालयों के पूर्व कुलपतियों और वरिष्ठ प्रोफेसर के एक मंच ‘एजुकेशनिस्ट्स फोरम’ ने कहा कि मोदी ने तेलंगाना के करीमनगर में एक जनसभा में टिप्पणी की थी कि देश के दो बड़े उद्योग घराने काला धन जमा करने और उसे वितरित करने में संलिप्त थे. प्रधानमंत्री मोदी ने आठ मई को पहली बार कांग्रेस पर अंबानी और अदाणी से संबंध होने का आरोप लगाया था. उन्होंने सवाल किया कि क्या कांग्रेस को दो उद्योगपतियों से ‘बड़ी मात्रा में काला धन’ नहीं मिला, जिन्हें विपक्षी पार्टी के नेता राहुल गांधी ‘गाली’देते हैं. मंच ने कहा : भ्रष्टाचार के अस्तित्व, काले धन के उपयोग, ऐसे धन के अवैध परिवहन के बारे में किसी और के नहीं, बल्कि प्रधानमंत्री द्वारा इस तरह की स्वीकारोक्ति ने पूरे देश को स्तब्ध कर दिया है और एक संवैधानिक लोकतंत्र के रूप में भारत की स्थिति पर सबसे प्रतिकूल प्रभाव डाला है, जहां कानून का शासन चलता है. बयान पर प्रोफेसर ओमप्रकाश मिश्रा, पूर्व मंत्री पूर्णेंदु बसु और निगम प्रशासन के स्वतंत्र शोधकर्ता प्रोफेसर अखिल स्वामी ने हस्ताक्षर किये हैं.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है