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पश्चिम बंगाल : अभिजीत गंगोपाध्याय ने गोडसे पर की टिप्पणी, कांग्रेस ने बीजेपी के खिलाफ खोला मोर्चा

एक न्यूज चैनल ने गंगोपाध्याय को यह कहते हुए उद्धृत किया गया कि वह ‘‘(महात्मा) गांधी और (नाथूराम) गोडसे के बीच चयन नहीं कर सकते’’.

By Kunal Kishore | March 26, 2024 3:10 PM

कांग्रेस ने सोमवार को कलकत्ता उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश अभिजीत गंगोपाध्याय पर उनकी उस कथित टिप्पणी को लेकर हमला बोला जिसमें उन्होंने गांधी और गोडसे के बीच चयन नहीं कर पाने की बात की थी. इस मामले में कांग्रेस ने आक्रामक रवैया अपनाते हुए बीजेपी से जस्टिस अभिजीत की उम्मीदवारी को वापस लेने की मांग की थी. कलकत्ता हाईकोर्ट के पूर्व जज अभिजीत गंगोपाध्याय ने हाल ही में न्यायाधीश के पद से इस्तीफा दिया था और बीजेपी में शामिल हुए थे. जस्टिस अभिजीत का नाम उन 19 उम्मीदवारों की सूची में शामिल हैं जिनके नामों की घोषणा भाजपा ने पश्चिम बंगाल में आगामी लोकसभा चुनावों के लिए रविवार को की थी.

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने साधा निशाना

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘यह दयनीय से भी बदतर है कि कलकत्ता उच्च न्यायालय के एक पूर्व न्यायाधीश का कहना है कि वह गांधी और गोडसे के बीच चयन नहीं कर सकते, जिन्होंने चुनाव लड़ने के लिए हाल ही में त्यागपत्र दे दिया था तथा जिन्हें किसी और का नहीं बल्कि प्रधानमंत्री का आशीर्वाद प्राप्त है’’.
रमेश ने कहा, ‘‘यह पूरी तरह से अस्वीकार्य है और उन लोगों को उनकी उम्मीदवारी तुरंत वापस ले लेनी चाहिए जिन्होंने महात्मा की विरासत को हड़पने में कोई कसर नहीं छोड़ी।’’ जयराम रमेश ने प्रधानमंत्री के उपर निशाना साधते हुए कहा ‘‘फादर ऑफ नेशन (राष्ट्रपिता) की रक्षा के लिए ‘फादर ऑफ डो-नेशन’ अब क्या करेंगे।’’

क्या है मामला

एक न्यूज चैनल ने गंगोपाध्याय को यह कहते हुए उद्धृत किया गया कि वह ‘‘(महात्मा) गांधी और (नाथूराम) गोडसे के बीच चयन नहीं कर सकते’’. उन्होंने अपनी सफाई देते हुए कहा कि ‘‘कानूनी पेशे से जुड़े व्यक्ति के रूप में, मुझे कहानी के दूसरे पक्ष को समझने की कोशिश करनी चाहिए “. उन्होंने यह तर्क देते हुए कहा कि नाथूराम गोडसे के लेखन को पढ़ना चाहिए और समझना चाहिए कि किस वजह से गोडसे को महात्मा गांधी की हत्या करनी पड़ी. तब तक वह गांधी और गोडसे के बीच चयन नहीं कर सकते. गंगोपाध्याय ने हालांकि महात्मा गांधी की हत्या की निंदा की, लेकिन ऐतिहासिक घटनाओं के सभी पहलुओं की जांच करने की आवश्यकता पर जोर दिया.

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