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महानगर में तालाब खुदवायेगा निगम

हीं पानी की बर्बादी रोकने के लिए जलापूर्ति वाले वाटर स्टैंड पोस्ट में मीटर लगाये जायेंगे. इस कार्य के लिए राज्य के आपदा प्रबंधन विभाग से निगम के सीवरेज विभाग को 500 करोड़ रुपये मिले हैं.

कोलकाता. महानगर में जल निकासी एवं पेयजल की बर्बादी रोकने के लिए कोलकाता नगर निगम द्वारा सोमवार को महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया है. जानकारी के मुताबिक निगम की और से शहर में जल निकासी के लिए तालाब खोदे जायेंगे. वहीं पानी की बर्बादी रोकने के लिए जलापूर्ति वाले वाटर स्टैंड पोस्ट में मीटर लगाये जायेंगे. इस कार्य के लिए राज्य के आपदा प्रबंधन विभाग से निगम के सीवरेज विभाग को 500 करोड़ रुपये मिले हैं. इस पैसे का इस्तेमाल करने के लिए सोमवार को निगम में एक उच्च स्तरीय बैठक हुई. इस बैठक में मेयर फिरहाद हकीम, निगम आयुक्त धवल जैन, सीवरेज व ड्रेनेज विभाग के मेयर परिषद तारक सिंह मौजूद थे. शहर के तालाबों को पाट दिये जाने की वजह से मॉनसून के दिनों में जलजमाव की समस्या जटिल हो जाती है. अत्यधिक बारिश की स्थिति में पानी आसपास के जलस्रोतों में बह सकती है. ऐसे में जलाशय को पाटे जाने को लेकर मेयर फिरहाद हकीम कई बार नाराजगी जता चुके हैं. तारक सिंह ने बताया कि आपदा प्रबंधन विभाग के फंड से शहर की खाल (नहरों) की ड्रेजिंग की जायेगी. इसके अलावा कई जलाशय खोदे जायेंगे. तारक सिंह ने बताया कि वह कोलकाता के कुछ स्थानों पर बड़े-बड़े तालाब खुदवायेंगे. ताकि उस क्षेत्र में भारी बारिश को होने पर सड़कों पर जमा पानी की निकासी तालाब में हो सके. परिणामस्वरूप सड़क पर पानी नहीं रहेगा. बारिश के थमने पर जलाशय का अतिरिक्त पानी निकाल दिया जायेगा. निर्णय लिया गया कि दही घाट के पास 154 करोड़ की लागत से लॉकगेट व पम्पिंग स्टेशन का निर्माण कराया जायेगा, क्योंकि बारिश के बाद जब गंगा में ज्वार आता है तो सड़कों पर जमा पानी की निकासी नाले में नहीं हो पाती है. ऐसे में कालीघाट एक बड़ा हिस्सा डूब जाता है. स्टैंड पोस्ट में लगेगा वाटर मीटर : निगम सड़क किनारे वाटर स्टैंड पोस्ट की संख्या कम करने पर विचार कर रहा है. इस संबंध में श्री सिंह ने कहा कि सड़क पर नल (वाटर पोस्ट) न लगा कर बस्ती इलाकों में लोगों के घर में वाटर स्टैंड पोस्ट लगाये जायेंगे. उन्होंने बताया कि सोमवार को हुई जल निकासी एवं जलापूर्ति विभाग की संयुक्त विभाग की बैठक में यह निर्णय लिया गया है. उन्होंने बताया कि निगम सीवरेज विभाग की तरह ही जलापूर्ति विभाग के लिए डिजिटल मैप बना रहा है. उन्होंने बताया कि महानगर में 3079 बस्तियां हैं. निगम उस स्लम एरिया का डिजिटल मैप भी बना रहा है.

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