पार्षद के फर्जी हस्ताक्षर से बन रहा कानूनी उत्तराधिकार सर्टिफिकेट
आसनसोल नगर निगम के कुल्टी इलाके में स्थित वार्ड संख्या 72 के पार्षद चैतन्य माजी ने कहा कि उनका फर्जी लेटर पैड, नकली हस्ताक्षर व सील मोहर का इस्तेमाल करके कानूनी उत्तराधिकारी का प्रमाणपत्र जारी हो रहा है. इस प्रमाणपत्र का उपयोग जमीन की खरीद बिक्री में किया जा रहा है.
आसनसोल.
आसनसोल नगर निगम के कुल्टी इलाके में स्थित वार्ड संख्या 72 के पार्षद चैतन्य माजी ने कहा कि उनका फर्जी लेटर पैड, नकली हस्ताक्षर व सील मोहर का इस्तेमाल करके कानूनी उत्तराधिकारी का प्रमाणपत्र जारी हो रहा है. इस प्रमाणपत्र का उपयोग जमीन की खरीद बिक्री में किया जा रहा है. जिसका एक मामला प्रकाश में आया है, जिसमें फर्जी कानूनी उत्तराधिकारी प्रमाणपत्र के जरिये कुल्टी थाना क्षेत्र के बोलडी मौजा में आरएस व एलआर दाग नंबर 241 में 80 शतक जमीन की खरीद बिक्री हुई है. जिसमें जमीन बेचनेवालों में वंदना महतो और सर्बानी बनर्जी का कानूनी उत्तराधिकारी प्रमाणपत्र उनके फर्जी लेटर पैड, नकली सील मोहर और जाली हस्ताक्षर से बनाया गया है. जिसकी शिकायत कुल्टी थाने में की गयी है और प्राथमिकी भी दर्ज हुई है. राज्य के कानून व न्याय मंत्री, नगर निगम के मेयर, जिले के एडीएम (एलआर), एडीएसआर से भी शिकायत की गयी है. पार्षद श्री माजी ने गुरुवार को आसनसोल में एक पत्रकार सम्मेलन में ये बातें कहीं. उन्होंने यह भी आशंका जतायी कि यह सिर्फ एक मामला नहीं है, ऐसे कई मामले हैं, जांच में जिसका खुलासा होगा.गौरतलब है कि आसनसोल नगर निगम में कुल्टी इलाके में स्थित वार्ड संख्या 66 के पार्षद अशोक पासवान ने भी कुछ माह पहले एक ही प्रकार का आरोप लगाकर कुल्टी थाने में प्राथमिकी दर्ज करायी थी. उनका भी आरोप था कि उनके नाम का फर्जी लेटर पैड, सील मोहर और हस्ताक्षर का उपयोग करके फर्जी कानूनी उत्तराधिकारी प्रमाण पत्र जारी हो रहा है. जिसका एक प्रमाण भी उन्होंने पुलिस को दिया था. यह मामला अभी ठंडा भी नहीं हुआ कि कुल्टी इलाके के ही 72 नंबर वार्ड के पार्षद श्री माजी ने उनके नाम का फर्जी लेटर पैड बनाकर कानूनी उत्तराधिकारी प्रमाण पत्र देने को लेकर प्राथमिकी दर्ज करायी. श्री माजी ने कहा कि इस तरह के फर्जी कारोबार में जमीन खरीद बिक्री करनेवाले लोग शामिल हैं. ये लोग कई सरकारी जमीनों का भी इसी प्रकार फर्जी कागजात बनाकर लोगों को बेच देते होंगे. किसे पता है कौन जमीन सरकारी है और कौन सी जमीन रैयती है. वर्षों बाद लोगों को इसका पता चलता है, जालसाजों ने फर्जी कागजात के जरिये सरकारी जमीन उन्हें बेच दिया है. श्री माजी ने कहा कि इस मामले की पूरी जांच होनी चाहिए. उन्हें कानून पर भरोसा है, उचित कार्रवाई होगी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है