भाजपा अभिषेक बनर्जी को अपनी पार्टी का उसी तरह से नेता मानती है, जैसे अर्जुन सिंह व जितेंद्र तिवारी को तृणमूल मानती है. शायद यही वजह है कि उनके संसदीय क्षेत्र डायमंड हार्बर को लेकर भाजपा उदासीन रही. चुनाव आयोग के होते हुए भी वहां जम कर धांधली हुई. शुभेंदु अधिकारी भी खामोश रहे. अभिषेक को लेकर उनका आंकलन इस बात से लगाया जा सकता है कि अभी उनके विदेश जाने में किसी भी तरह की कोई रोक नहीं होगी. वह आराम से विदेश दौरा कर सकते हैं. यह आरोप बहरमपुर में माकपा के राज्य सचिव मोहम्मद सलीम ने संवाददाता सम्मेलन में लगाया. उन्होंने कहा कि हम राज्य कमेटी के निर्णय के अनुसार विभिन्न जिलों में चुनाव बाद की स्थिति व परिणामों को लेकर समीक्षा बैठक कर रहे हैं. उसी आधार पर हम निर्णय लेंगे. इस बीच, पोलित ब्यूरो की बैठक हो गयी है. इसी महीने के अंत में केंद्रीय कमेटी की भी बैठक होगी. उससे पहले, राज्य कमेटी की बैठक में जमीनी स्तर से मिली सलाह व पार्टी की कमियों पर चर्चा करेंगे. उसके आधार पर आगे की रणनीति बनायेंगे. उन्होंने कहा कि वह उम्मीदवार के रूप में बहरमपुर का प्रतिनिधित्व करना चाहे. बड़ी संख्या में लोगों का समर्थन मिला. अब उन्हीं लोगों को साथ लेकर जन आंदोलन को आगे बढ़ाने का काम किया जायेगा.
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