Lok Sabha Election 2024 : प्रार्थी घोषणा काे लेकर सीपीएम और कांग्रेस पीछे, एसयूसीआई जल्द करेगी घोषणा

Lok Sabha Election 2024 : लेफ्ट-कांग्रेस अभी भी गठबंधन को लेकर संघर्ष कर रहे हैं. परिणामस्वरूप, दोनों दलों की उम्मीदवारों की सूची जारी होना लगभग अनसुना है. इस बीच, एसयूसीआई 42 सीटों पर उम्मीदवार उतारने की तैयारी में है.

By Shinki Singh | March 16, 2024 11:17 AM
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पानागढ़, मुकेश तिवारी : चुनाव आयोग द्वारा लोकसभा 2024 (Lok Sabha 2024) की घोषणा अबतक नहीं किए जाने के बावजूद राज्य में तृणमूल कांग्रेस ने अपने 42 सीटों के लिए प्रत्याशियों के नाम की घोषणा कर दी है वही भाजपा ने सबसे पहले इस बार राज्य में 20 प्रत्याशियों के नाम की घोषणा की है. लेकिन मुख्य पार्टी सीपीएम और कांग्रेस के गतबंधन को लेकर अबतक आपसी तालमेल नहीं बैठने से इन दोनों पार्टियों ने अबतक अपने प्रत्याशियों की सूची जारी नही की है. लेकिन एक और पार्टी एसयूसीआई जल्द ही 42 सीटों पर अपने प्रार्थी को उतारने की तैयारी में जुट गया है. बताया जाता है की तृणमूल कांग्रेस ने बर्दवान दुर्गापुर लोकसभा सीट से पूर्व क्रिकेटर कीर्ति आजाद, पूर्व बर्दवान जिले से डॉक्टर शर्मिला सरकार, बीरभूम जिले के दो सीटों बीरभूम से शताब्दी राय और बोलपुर सीट से पुनः सांसद असित कुमार माल को प्रार्थी घोषित किया है. वही भाजपा बोलपुर सीट से प्रिया साहा को के नाम की घोषणा की है.

प्रथम तालिका में 25 प्रार्थियों के नाम की घोषणा

अन्य सीटों पर किसी प्रार्थी के नाम की घोषणा नहीं की है. वही अखंड भारत पार्टी ने भी अभी तक अपने प्रथम तालिका में 25 प्रार्थियों के नाम की घोषणा कर दी है. जिसमे बर्दवान पूर्व से राम मोदी, बर्दवान दुर्गापुर से प्रोजेष मंडल तथा बीरभूम सीट से दूध कुमार मंडल के नाम की घोषणा की है. लेकिन अब तक सीपीएम और कांग्रेस ने अपने प्रार्थी के नाम की घोषणा नहीं की है. इसे लेकर पार्टी के जमीनी स्तर के नेताओं कार्यकर्ताओं ने तनाव है. हालांकि चुनाव चिन्ह और स्लोगन देकर दीवार लेखन तक इन पार्टी के कार्यकर्ताओं द्वारा जगह जगह कर दिया गया है लेकिन प्रार्थी के नाम की घोषणा नहीं होने से स्वाभाविक रूप से इन कार्यकर्ताओं का मनोबल टूट रहा है. जबकि दूसरी पार्टी के जिन प्रार्थियों के नाम की घोषणा हो चुकी है वे समय बर्बाद न कर अपने चुनावी क्षेत्र में प्रचार तक के लिए उतर गए है. तृणमूल के प्रार्थी कीर्ति आजाद, डॉक्टर शर्मिला सरकार और भाजपा की प्रिया साहा क्षेत्र में प्रचार आरंभ कर दिया है.

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लेफ्ट-कांग्रेस अभी भी गठबंधन को लेकर संघर्ष

लेकिन लेफ्ट-कांग्रेस अभी भी गठबंधन को लेकर संघर्ष कर रहे हैं. परिणामस्वरूप, दोनों दलों की उम्मीदवारों की सूची जारी होना लगभग अनसुना है. इस बीच, एसयूसीआई 42 सीटों पर उम्मीदवार उतारने की तैयारी में है. उन्होंने सीपीएम, सीपीआई पर आरोप लगाते हुए वृहद वाम एकता का आह्वान किया है.राज्य में तृणमूल एकमात्र ऐसी पार्टी है जिसने एक साथ 42 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं. इसके बाद दूसरी पार्टी के रूप में एसयूसीआई राज्य की सभी सीटों पर अपने उम्मीदवार उतार रही है. साल भर विभिन्न आंदोलनों के बारे में बात करके खुद को बचाए रखने की कोशिश करने के बावजूद, वाम मोर्चे को चुनावों में उम्मीदवार देने के लिए काफी मशक्कत करना पड़ रहा हैं. लेकिन जो स्थिति कांग्रेस की है. वे क्या करेंगे नहीं पता. इसलिए उन्होंने अभी तक फैसला नहीं किया है, नतीजतन, वाम-कांग्रेस गठबंधन भी खतरे में है.

एसयूसीआई सभी 42 सीटों पर उम्मीदवार उतारने जा रही है

बीजेपी ने भले ही सीना तानकर प्रचार किया लेकिन वो भी 42 सीटों पर अपने उम्मीदवार नहीं उतार पाई है. लेकिन इन तीनों पार्टियों से ‘छोटी’ पार्टी एसयूसीआई सभी 42 सीटों पर उम्मीदवार उतारने जा रही है. वे अकेले लड़ेंगे.
इस संदर्भ में बोलते हुए एसयूसीआई के अखिल भारतीय महासचिव प्रभास घोष ने कहा, सीपीएम हमेशा कांग्रेस के साथ रहना चाहती है. ये वे लोग हैं जो व्यापक वामपंथी एकता पर प्रहार कर रहे हैं.एकता के रास्ते में खड़े हो जाओ. वहीं, सीताराम येचुरी, प्रकाश करात की भी उन्होंने तारीफ की है. एसयूसीआई का दावा है कि सीपीएम, धर्मनिरपेक्षता की अपनी दिखावटी बातों के बावजूद, आईएसएफ जैसी पार्टियों के साथ गठबंधन में है.जो एसयूसीआई की आपत्ति का एक कारण है. लेकिन यह बात भी स्पष्ट है की देर आए दुरुस्त आए, इसलिए सीपीएम और कांग्रेस इसे लेकर अभी मंथन कर रही है.

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