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कोर्ट की निगरानी में हो यूजीसी-नेट मामले की जांच

माकपा नेता ने यह भी कहा कि केंद्र सरकार के इस रवैये से स्पष्ट है कि गड़बड़ी हुई है, तभी मामले की जांच केंद्रीय जांच एजेंसी से कराने की ओर रुख किया गया. जो भी हो, इसे खारिज नहीं किया जा सकता है कि केंद्र सरकार देश के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रही है. यदि ऐसा नहीं होता, तो उपरोक्त मामले होते ही नहीं.

कोलकाता.

माकपा के महासचिव सीताराम येचुरी ने गुरुवार को कहा कि हमारी मांग है कि यूजीसी-नेट मामले की जांच अदालत की निगरानी हो. मुजफ्फर अहमद भवन में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में येचुरी ने केंद्रीय जांच एजेंसियों की भूमिका की आलोचना करते हुए कहा कि व्यापमं मामला भी सीबीआइ के पास था, उसका क्या हुआ? सीबीआइ कभी किसी कमी को जनता के सामने ला पायी? सीबीआइ की खासियत केवल विपक्षी नेताओं के पीछे पड़ना है. माकपा नेता ने यह भी कहा कि केंद्र सरकार के इस रवैये से स्पष्ट है कि गड़बड़ी हुई है, तभी मामले की जांच केंद्रीय जांच एजेंसी से कराने की ओर रुख किया गया. जो भी हो, इसे खारिज नहीं किया जा सकता है कि केंद्र सरकार देश के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रही है. यदि ऐसा नहीं होता, तो उपरोक्त मामले होते ही नहीं.

उन्होंने पश्चिम बंगाल में शिक्षक नियुक्ति घोटाले का भी जिक्र किया और तृणमूल कांग्रेस की सरकार पर निशाना साधा. माकपा के प्रदेश सचिव मोहम्मद सलीम ने कहा कि माकपा राज्य कमेटी का विस्तारित अधिवेशन 23, 24 और 25 अगस्त को कल्याणी में होगा. पार्टी हाल ही में संपन्न लोकसभा चुनाव में पश्चिम बंगाल में पार्टी के खराब नतीजे के कारणों का अंतिम विश्लेषण करेगी. उससे पहले पार्टी के हर स्तर पर समीक्षा होगी कि अपेक्षित परिणाम क्यों नहीं मिले. पार्टी आम लोगों, राजनीतिक पर्यवेक्षकों, विश्लेषकों आदि के सुझाव व उनकी बातों को भी सुनेगी, जो सीधे तौर पर पार्टी से नहीं जुड़े हैं. बुधवार और गुरुवार यानी दो दिन पार्टी की राज्य समिति की हुई बैठक में लोसकभा चुनाव में बंगाल परिणामों के बारे में प्रारंभिक चर्चा हुई थी. माकपा राज्य समिति की बैठक में पार्टी के महासचिव सीताराम येचुरी भी मौजूद थे. राज्य समिति की समीक्षा पर पार्टी के प्रदेश सचिव सलीम ने कहा, “ हमें (माकपा) न केवल तृणमूल और भाजपा के खिलाफ लड़ाई लड़नी पड़ी है, बल्कि हमें धन और बाहुबल के खिलाफ भी लड़ाई लड़नी पड़ी है.” उन्होंने आरोप लगाया कि मतगणना में भी बड़े पैमाने पर गड़बड़ी की गयी है. बंगाल में पार्टी के नतीजों को लेकर माकपा नेता येचुरी का बयान व विस्तृत विश्लेषण प्रदेश कमेटी के विस्तारित सत्र के बाद दिया जा सकता है. माकपा नेताओं का मानना है कि बंगाल में खराब नतीजों के बावजूद कई सकारात्मक पहलू भी सामने आये हैं. उनका मानना है कि राज्य में पार्टी का प्रचार अभियान अच्छा रहा है और माकपा की टीम में नयी लीडरशिप तैयार हो गयी है, जो बंगाल और देश के लिए अच्छा है.

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