पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस (C. V. Ananda Bose) ने आखिरकार राज्य के मंत्रियों और विधायकों के वेतन में वृद्धि के लिए विधानसभा में पेश किए गए विधेयक पर हस्ताक्षर कर दिए है. नए वित्तीय वर्ष की शुरुआत से पहले उन्होंने इस बिल पर सहमति जताई. नतीजतन, बढ़ी हुई सैलरी का फैसला अप्रैल महीने से प्रभावी होगा. शनिवार सुबह राजभवन से एक्स (पूर्व में ट्विटर) हैंडल से पोस्ट किया गया कि राज्यपाल ने दोनों विधेयकों पर अपनी सहमति दे दी है.
वेतन में बढ़ोतरी की गई है तीन स्तरों पर
वेतन में बढ़ोतरी तीन स्तरों पर की गई थी. विधायकों का वेतन 10,000 रुपये प्रति माह था. यह बढ़कर 50 हजार रुपये हो गया. राज्य के मंत्रियों को 10 हजार 900 रुपये महीना मिलता था. अब से उन्हें 50 हजार 900 रुपये मिलेंगे. इसके अलावा राज्य में पूर्व मंत्रियों का वेतन 11 हजार रुपये था उन्हें इस बार से 51 हजार रुपये वेतन के तौर पर मिलेंगे.
विधायकों को भत्ते में भी की गई बढ़ोतरी
सरकार की वेतन संरचना के अनुसार, राज्य के विधायकों को भत्ते और समिति की बैठकों में भाग लेने के लिए अब तक कुल 81,000 रुपये मिलते थे. इस बार से उन्हें कुल 1 लाख 21 हजार रुपये मिलेंगे. विपक्षी दलों के नेताओं और राज्य के मंत्रियों और पूर्व मंत्रियों को इतने दिनों के लिए कुल मिलाकर 1 लाख 10 हजार रुपये मिलते थे. इस बार से उन्हें करीब डेढ़ लाख रुपये मिलेंगे. गौरतलब है कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि मंत्री व विधायकों की वेतन में बढ़ोतरी करना काफी आवश्यक था. मुख्यमंत्री ने विधानसभा सत्र में कहा कि वे अपना वेतन नहीं बढ़ायेंगी.
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