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बाली नगरपालिका के लिए सिरदर्द बन गयी हैं इलाके की खतरनाक इमारतें

बाली नगरपालिका की तमाम कोशिशों के बावजूद खतरनाक एवं जर्जर इमारतों को खाली करा पाना संभव नहीं हो रहा है.

नोटिस लगाने के बावजूद घर खाली नहीं कर रहे लोग

संवाददाता, हावड़ा

बाली नगरपालिका की तमाम कोशिशों के बावजूद खतरनाक एवं जर्जर इमारतों को खाली करा पाना संभव नहीं हो रहा है. इन सभी इमारतों में नोटिस लगा दिया गया है. फिर भी यहां लोग रह रहे हैं. इसे लेकर नगरपालिका की परेशानी बढ़ती जा रही है. जानकारी के अनुसार, एचके चटर्जी स्ट्रीट, गिरीश घोष रोड, हेमपाल लेन, जीटी रोड सहित अन्य जगहों पर 27 इमारतों को नगरपालिका ने खतरनाक घोषित किया है.

इन इमारतों में रहने वाले लोगों को घर खाली करने का आग्रह किया गया है, लेकिन ये लोग इसके लिए तैयार नहीं हैं. मालूम रहे कि पिछले दिनों भोट बागान में एक जर्जर मकान का कुछ हिस्सा ढह गया था. इस बारे में पूछे जाने पर हावड़ा नगर निगम के प्रशासनिक बोर्ड के सदस्य एवं बाली नगरपालिका के पूर्व पार्षद रियाज अहमद ने कहा कि लोग अपनी जान जोखिम में डाल कर इन इमारतों में रह रहे हैं. नगरपालिका की ओर से इन 27 इमारतों में नोटिस लगा दिया गया है. साथ ही यहां रहने वाले लोगों के साथ बैठकें भी की गयी हैं, लेकिन कोई फायदा नहीं हो रहा है. ये लोग अपना घर खाली करने के लिए तैयार नहीं हैं.

मकान मालिक-किरायेदार विवाद में भी लग रहा समय

उन्होंने कहा कि कई इमारतों को लेकर कोर्ट में मामला चल रहा है. अधिकतर मामलों में मकान मालिक और किरायेदार को लेकर विवाद है. किरायेदार घर छोड़ने के लिए मकान मालिक से रुपये मांग रहे हैं. चूंकि मामला कोर्ट में है, इसलिए नगरपालिका की ओर से ठोस कार्रवाई नहीं की जा रही है. उन्होंने कहा कि अगर किसी तरह की दुर्घटना होती है, तो इसका जिम्मेदार कौन होगा?

उल्लेखनीय है कि हावड़ा नगर निगम के अंतर्गत भी 400 इमारतों को खतरनाक घोषित किया गया है. इन इमारतों में निगम की ओर से नोटिस भी लगा दिया गया है. इसके बावजूद इन घरों में लोग रह रहे हैं. हावड़ा नगर निगम के प्रशासनिक बोर्ड के चेयरमैन डॉ सुजय चक्रवर्ती ने चक्रवात रेमाल के आने के पहले सभी को चेतावनी देते हुए घर खाली कराने का निर्देश दिया था.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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