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विस में शपथ ग्रहण का इंतजार करते रहे विधायक, राज्यपाल पहुंचे दिल्ली

राज्य में तृणमूल कांग्रेस के दो नवनिर्वाचित विधायकों के शपथ ग्रहण समारोह को लेकर बुधवार को भी गतिरोध जारी रहा, क्योंकि राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने विधानसभा में कार्यक्रम आयोजित करने से इनकार कर दिया और इसके बजाय वह नयी दिल्ली के लिए रवाना हो गये. इस शपथ ग्रहण को लेकर चल रहे गतिरोध के बीच तृणमूल के दो नवनिर्वाचित विधायकों ने बुधवार को विधानसभा परिसर में धरना शुरू कर दिया.

कोलकाता.

राज्य में तृणमूल कांग्रेस के दो नवनिर्वाचित विधायकों के शपथ ग्रहण समारोह को लेकर बुधवार को भी गतिरोध जारी रहा, क्योंकि राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने विधानसभा में कार्यक्रम आयोजित करने से इनकार कर दिया और इसके बजाय वह नयी दिल्ली के लिए रवाना हो गये. इस शपथ ग्रहण को लेकर चल रहे गतिरोध के बीच तृणमूल के दो नवनिर्वाचित विधायकों ने बुधवार को विधानसभा परिसर में धरना शुरू कर दिया. वह शाम चार बजे तक राज्यपाल सीवी आनंद बोस के वहां आकर उन्हें पद की शपथ दिलाने या अध्यक्ष को जिम्मेदारी सौंपने का इंतजार करते रहे. लेकिन राज्यपाल विधानसभा नहीं पहुंचे. इस हालिया घटनाक्रम से नाराज सायंतिका बंद्योपाध्याय और रेयात हुसैन सरकार ने कहा कि वे कुछ दिन तक और इंतजार करेंगे और इसके बाद इसे लेकर पार्टी के शीर्ष नेतृत्व के साथ चर्चा करेंगे.

दोनों विधायक, विधानसभा अध्यक्ष बिमान बनर्जी और संसदीय कार्य मंत्री शोभनदेब चट्टोपाध्याय ने इस बारे में विधानसभा में बैठक की. राजभवन ने इससे पहले हाल ही में हुए उपचुनाव में विधानसभा के लिए निर्वाचित हुए दोनों विधायकों को बुधवार को राजभवन में शपथ लेने के लिए आमंत्रित किया था. हालांकि, तृणमूल कांग्रेस ने दावा किया कि उपचुनाव जीतने वालों के मामले में परंपरा यह है कि राज्यपाल विधानसभा के अध्यक्ष या उपाध्यक्ष को शपथ दिलाने का काम सौंपते हैं.

राजभवन के सूत्रों के अनुसार राज्यपाल शाम को नयी दिल्ली के लिए रवाना हो गये. इससे पहले, दिन में दोनों विधायक विधानसभा पहुंचे और उन्होंने कहा कि वे राज्यपाल द्वारा उन्हें पद की शपथ दिलाने या अध्यक्ष को ऐसा करने के लिए अधिकृत करने के लिए शाम चार बजे तक इंतजार किया और विधानसभा की सीढ़ियों पर धरना भी दिया.

बुधवार को रेयात हुसैन सरकार और सायंतिका बंद्योपाध्याय तख्तियों पर ‘उन्हें निर्वाचित प्रतिनिधियों के रूप में कर्तव्यों का पालन करने की अनुमति दी जाये’ जैसे नारे लिखकर राज्यपाल से अनुरोध करते दिखे.

गौरतलब है कि सायंतिका बंद्योपाध्याय और रायत हुसैन सरकार क्रमश: कोलकाता के पास स्थित बरानगर और मुर्शिदाबाद जिले के भगवानगोला विधानसभा क्षेत्रों से निर्वाचित हुए हैं.

विस अध्यक्ष ने राज्यपाल पर संवैधानिक नियमों के उल्लंघन का लगाया आरोप

विधानसभा अध्यक्ष बिमान बनर्जी ने इस गतिरोध को लेकर अपनी नाराजगी व्यक्त करते हुए राज्यपाल डॉ सीवी आनंद बोस पर शपथ ग्रहण समारोह को ”अहंकार की लड़ाई” में बदलने और जान-बूझकर मुद्दे को जटिल बनाने का आरोप लगाया. उन्होंने दावा किया कि जान-बूझकर गतिरोध पैदा किया गया, जिसकी वजह राज्यपाल ही बेहतर जानते हैं. विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि हम राज्यपाल के विधानसभा में आने का इंतजार कर रहे थे, लेकिन वह नहीं आये. इस तरह के गतिरोध की बिलकुल भी उम्मीद नहीं थी. उन्होंने कहा है कि राज्यपाल डॉ सीवी आनंद बोस पहले से स्थापित संवैधानिक रीति-रिवाजों को तोड़ रहे हैं. उन्होंने संसद में नये सांसदों के शपथ ग्रहण का उदाहरण देते हुए कहा कि वहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित अन्य सांसदों को सीधे राष्ट्रपति ने नहीं, बल्कि प्रोटेम स्पीकर ने शपथ दिलायी.

जब प्रधानमंत्री जैसी शख्सियत प्रोटेम स्पीकर से शपथ ले रहे हैं और वह भी संसद भवन में, तो इससे पश्चिम बंगाल के राज्यपाल को कुछ सीखना चाहिए. विधानसभा अध्यक्ष बिमान बनर्जी ने कहा कि शपथ ग्रहण समारोह एक संवैधानिक शिष्टाचार है और यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि हमें इस तरह की स्थिति का सामना करना पड़ रहा है. अगर राज्यपाल चाहें, तो वह विधानसभा में आकर शपथ दिला सकते हैं. हम सभी व्यवस्था करेंगे. हमें कोई समस्या नहीं है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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