सुकन्या मंडल की जमानत याचिका पर दिल्ली हाइकोर्ट तीन महीने में करे फैसला : सुप्रीम कोर्ट
सुकन्या, तृणमूल कांग्रेस के नेता अनुब्रत मंडल की बेटी हैं.
कोलकाता/नयी दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली हाइकोर्ट से पश्चिम बंगाल में मवेशियों की तस्करी से जुड़े धनशोधन के एक मामले में गिरफ्तार सुकन्या मंडल की जमानत याचिका पर शुक्रवार को तीन महीने के भीतर फैसला लेने को कहा है. सुकन्या, तृणमूल कांग्रेस के नेता अनुब्रत मंडल की बेटी हैं. अनुब्रत भी इस मामले में गिरफ्तार हो चुके हैं और तिहाड़ जेल में अपनी न्यायिक हिरासत की अवधि काट रहे हैं. इस दिन सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति अरविंद कुमार और न्यायमूर्ति संदीप मेहता की अवकाशकालीन पीठ ने सुकन्या की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता विकास पाहवा की दलीलों पर संज्ञान लिया. पाहवा ने दलील दी थी कि दिल्ली हाइकोर्ट में जमानत याचिका पर सुनवाई बार-बार स्थगित हो रही है.
पीठ ने कहा : इस अदालत के समक्ष जमानत की अर्जी दाखिल करने वाले याचिकाकर्ता ने दलील दी है कि दिल्ली हाइकोर्ट के समक्ष जमानत के लिए उसकी अर्जी को बार बार स्थगित किया जा रहा है. हम दिल्ली हाइकोर्ट से अनुरोध करते हैं कि याचिकाकर्ता की जमानत याचिका पर शीघ्र सुनवाई की जाये, खासकर अदालत के फिर से खुलने के तीन महीने के भीतर.
सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया कि वह इस मामले पर किसी प्रकार की कोई राय जाहिर नहीं करेगा. सुकन्या को पिछले वर्ष 26 अप्रैल को प्रवर्तन निदेशालय (इडी) ने गिरफ्तार किया था. सुकन्या ने अधीनस्थ कोर्ट द्वारा एक जून, 2023 को उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी थी. सुकन्या ने इस फैसले को चुनौती दी थी.
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