मैग्नेटिक सेंसर तकनीक के इस्तेमाल से रेल दुर्घटनाओं से बचने का युवक का दावा

हाल ही में भारतीय रेलवे में कई दुर्घटनाएं हुई हैं. रेलकर्मियों से लेकर आम यात्रियों तक की मौत हुई है. इससे रेलवे की सुरक्षा पर सवाल खड़ा हो गया है. ऐसे में दुर्गापुर अनुमंडल के धुबचूड़िया के रहने वाले एक युवक का दावा है कि मैग्नेटिक सेंसर तकनीक के जरिए रेल हादसों से बचा जा सकता है.

By Prabhat Khabar News Desk | August 8, 2024 9:49 PM

पांडवेश्वर.

हाल ही में भारतीय रेलवे में कई दुर्घटनाएं हुई हैं. रेलकर्मियों से लेकर आम यात्रियों तक की मौत हुई है. इससे रेलवे की सुरक्षा पर सवाल खड़ा हो गया है. ऐसे में दुर्गापुर अनुमंडल के धुबचूड़िया के रहने वाले एक युवक का दावा है कि मैग्नेटिक सेंसर तकनीक के जरिए रेल हादसों से बचा जा सकता है. इसके लिए उसने एक मॉडल भी बनाया है. गौरतलब है कि गत 17 जून को उत्तर बंगाल में कंचनजंगा एक्सप्रेस ट्रेन हादसा हुआ. फिर 18 जुलाई को उत्तर प्रदेश में चंडीगढ़ डिब्रूगढ़ एक्सप्रेस ट्रेन दुर्घटनाग्रस्त हुई. फिर 30 जुलाई को मुंबई मेल झारखंड के चक्रधरपुर डिवीजन के गाराबांबू स्टेशन के करीब दुर्घटनाग्रस्त हो गई. लगातार हो रहे हादसों से रेलवे की सुरक्षा पर भी सवाल उठ रहे हैं. रेलवे की सुरक्षा को लेकर प्रदर्शन भी देखे गये. ऐसे समय में जब रेलवे विशेषज्ञ रेलवे की सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं, वहीं छोटन घोष उर्फ मनु ने दावा किया है कि मैग्नेटिक सेंसर तकनीक का इस्तेमाल कर रेल दुर्घटनाओं को सौ फीसदी टाला जा सकता है. 27 वर्षीय छोटन घोष पेशे से फूल सजावट का कारोबारी है. परिवार में उसके अलावा उसके माता-पिता और भाई हैं. आठवीं तक पढ़ाई करने वाला छोटन का जुनून विभिन्न प्रकार के उपकरण और मॉडल बनाना है. छोटन ने इससे पहले बिस्कुट से राम मंदिर का मॉडल, चंद्रयान (तीन) का मॉडल, दो पहियों वाली इलेक्ट्रिक बाइक बनाकर वाहवाही लूटी है. हाल ही में उसने रेल दुर्घटनाओं से बचने के लिए चुंबकीय सुरक्षा प्रणाली का एक मॉडल विकसित किया है. छोटन ने दावा किया कि अगर इस तकनीक का इस्तेमाल किया जाये तो रेलवे दुर्घटनाओं को सौ प्रतिशत टाला जा सकता है.

कैसे काम करता है सेंसर

तकनीक के बारे में छोटन ने कहा कि मैग्नेटिक सेंसर लगा हो तो एक ही लाइन पर यदि दो ट्रेनें चल रही हों तो उन्हें ट्रैक किया जा सकता है. जैसे ही रेलवे ड्राइवर तक मैसेज पहुंचेगा इंजन का पावर कट हो जायेगा और ट्रेन ऑटो ब्रेक के साथ रुक जायेगी. इस स्थिति में, जब तक एक ही लाइन पर दो ट्रेनों में से एक लाइन से बाहर नहीं निकलती, तब तक दूसरी ट्रेन का इंजन चालू नहीं होगा. इसके अलावा उसने कहा कि अलग-अलग देशों में सुरक्षा के लिए ट्रेनों में अलग-अलग तरह के सेंसर का इस्तेमाल किया जाता है. लेकिन यदि सेंसर पर पानी, कीचड़, धूल, रेत जमा हो जाये तो सेंसर काम नहीं करता. लेकिन मैग्नेटिक सेंसर इतना मजबूत है कि यह सेंसर हर स्थिति में सक्रिय रहता है.

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