उप मेयर ने अड्डा पर लगाया पक्षपात का आरोप, पांच वर्ष में नहीं हुआ एक भी कार्य
आसनसोल नगर निगम की उपमेयर तबस्सुम आरा ने अपने ही सहयोगी विभाग व राज्य सरकार की स्टेट्यूटरी अथॉररिटी आसनसोल दुर्गापुर विकास प्राधिकरण (अड्डा) पर पक्षपात करने का आरोप लगाया.
आसनसोल नगर निगम की उपमेयर तबस्सुम आरा ने अपने ही सहयोगी विभाग व राज्य सरकार की स्टेट्यूटरी अथॉररिटी आसनसोल दुर्गापुर विकास प्राधिकरण (अड्डा) पर पक्षपात करने का आरोप लगाया. श्रीमती आरा ने गुरुवार को नगर निगम कार्यालय के अपने कक्ष में पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि पिछले पांच वर्षों में उनके कार्यकाल के दौरान उनके ही वार्ड 63 में अड्डा की ओर से एक भी विकास का कार्य नहीं किया गया.
विकास कार्यों को लेकर लगातार चिट्ठी लिखने के बाद भी उन्हें एक जगह से दूसरे जगह सिर्फ घुमाया गया. जिसके कारण उनके वार्ड के लोग अड्डा के विकास कार्यों से वंचित रहे. अड्डा के चेयरमैन तापस बंधोपाध्याय ने इस विषय में किसी भी प्रकार की टिप्पणी करने से इंकार कर दिया.
सनद रहे कि पश्चिम बर्दवान जिला का पूरा इलाका अड्डा के क्षेत्राधिकार में आता है. राज्य सरकार के विभिन्न विभागों के साथ-साथ अड्डा भी अपने क्षेत्राधिकार में हर प्रकार की विकास कार्यों को अंजाम देती है. जिसके लिए अड्डा अपने ओन फंड और सरकार से प्राप्त राशि का उपयोग करती है.
नगर निगम की उपमेयर श्रीमती आरा ने कहा कि वे अपने वार्ड में हाईड्रेन, सड़क और स्ट्रीट लाइट के लिए वर्ष 2016 से प्रयास कर रही हैं. जिसे लेकर उन्होने ने काफी पत्राचार भी किया. पांच वर्ष में अड्डा से उनके वार्ड में कोई कार्य नहीं हुआ. वार्ड के लोग अड्डा के विकास कार्यों से बंचित रहे. इस मुद्दे को लेकर अड्डा के चेयरमैन से मुलाकात करने पर वे उप चेयरमैन के पास भेज देते हैं और उप चेयरमैन के पास जाने पर वे चेयरमैन के पास भेज देते हैं. दोनों व्यक्ति एक दूसरे के पाले में गेंद डाल देते हैं.
इस विषय को लेकर आसनसोल नगर निगम के मेयर को भी पत्र लिखा गया. पत्र में यह भी जिक्र किया गया कि 63 नम्बर वार्ड में अड्डा का कोई विकास कार्य नहीं होने से यह संदेह होने लगा है कि यह वार्ड अड्डा के क्षेत्राधिकार में हैं या नहीं. इसके बावजूद भी कोई पहल नहीं हुई.
भ्रष्टाचार के आरोप में उपमेयर को जारी हुआ था कारण बताओ नोटिस
डेढ़ माह पूर्व जिला के चार नेताओं को जिला अध्यक्ष और जिला चेयरमैन ने संयुक्तरूप से कारण बताओ जारी किया किया था. जिसमें श्रीमती आरा भी शामिल थी. उनपर भ्रष्टाचार के आरोप में कारण बताओ नोटिस जारी हुआ था. श्रीमती आरा को उनके इलाके कुल्टी में पेयजल परियोजना के कार्यक्रम में आमंत्रित नहीं करने पर भी उन्होंने पार्टी के नेताओं पर पक्षपात का आरोप लगाया था. मेयर के खिलाफ भी वह मुखर रही हैं और काफी आरोप लगा चुकी हैं. श्रीमति आरा द्वारा अपने ही पार्टी के नेताओं और सहयोगी विभाग पर पक्षपात का आरोप लगाने से तृणमूल में गुटबाजी खुलकर सामने आ गयी है. उनका यह आरोप विपक्ष के लिए सबसे बड़ा मुद्दा बन सकता है.
posted by : sameer oraon