महेश में 628 वर्षों से निकाली जा रही रथ यात्रा मुरली चौधरी, हुगली . आगामी सात जुलाई को महेश में 628 साल पुरानी रथयात्रा का आयोजन धूमधाम से किया जायेगा. भगवान जगन्नाथ के रथ का पहिया जीटी रोड पर घूमेगा, जो इस ऐतिहासिक परंपरा का अभिन्न हिस्सा है. शनिवार को परंपरा के अनुसार, जगन्नाथ देव का स्नान यात्रा उत्सव मोक्ष योग में किया गया, यह योग 47 साल बाद आया है. इसे देखने के लिए भारी भीड़ उमड़ी थी. कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में विधायक डॉ सुदीप्त राय, श्रीरामपुर नगरपालिका के चेयरमैन गिरधारी साहा, चांपदानी नगरपालिका के चेयरमैन सुरेश मिश्रा, मुख्य पुरोहित सोमेन अधिकारी और सचिव पियाल अधिकारी उपस्थित थे. हुगली जिला प्रशासन ने सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किये थे, ताकि उत्सव शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हो सके. ज्ञात हो कि अक्षय तृतीय के दिन चंदन उत्सव का आयोजन किया गया था. इसके 42 दिनों के अंत में स्नान यात्रा उत्सव संपन्न हुआ. भगवान जगन्नाथ, बलराम और सुभद्रा की मूर्तियों को महेश स्थित जगन्नाथ मंदिर के गर्भगृह से निकालकर स्नान मंदिर में 6.20 बजे पीढ़ा पर बैठाकर डेढ़ मन दूध और गंगा जल से स्नान कराया गया. स्नान के बाद भगवान जगन्नाथ को कंपन के साथ बुखार आ गया, जिसके बाद उन्हें कंबल में लपेटकर आराम कराया गया. कविराज भगवान का बुखार उतारने के लिए चिकित्सा शुरू करते हैं और उनके स्वस्थ होने पर नवजीवन उत्सव मनाया जाता है. इस दौरान मंदिर के गर्भगृह का द्वार बंद रहता है. स्वस्थ होने के बाद भगवान जगन्नाथ, भाई बलराम और बहन सुभद्रा रथ पर सवार होकर मौसी के घर घूमने जाते हैं. इस दिन सीधा रथ होता है, जो सात जुलाई को है. हजारों भक्त इस उत्सव में शामिल होंगे. महेश की रथयात्रा 628 वर्षों से निकाली जा रही है. उल्लेखनीय है कि हुगली जिले में चार ऐतिहासिक रथ यात्राएं निकाली जाती हैं. इसमें चंदननगर लक्खीगंज का यदु घोष का रथ, गुप्तिपाड़ा का रथ और धनियाखाली का रथ भी शामिल हैं. इन ऐतिहासिक रथ यात्राओं में भक्तों की भारी भीड़ जुटती है.
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