अमराई में गाजन उत्सव की धूम, निकाली गयी शोभायात्रा
बुद्ध पूर्णिमा पर इस बार भी दुर्गापुर के अमराई ग्राम में धर्मराज ठाकुर की पूजा का गाजन उत्सव धूमधाम से मनाया गया. रंग-बिरंगी शोभायात्रा निकाली गयी, जिसमें संन्यासियों के साहसिक रूप को देख कर आगंतुकों ने दांतों तले अंगुली दबा ली. कहते हैं, प्राचीन काल में बर्दवान के राजा विजय चंद महतावर, उदय चंद महतावर के समय में यह पूजा शुरू की गयी थी.
दुर्गापुर.
बुद्ध पूर्णिमा पर इस बार भी दुर्गापुर के अमराई ग्राम में धर्मराज ठाकुर की पूजा का गाजन उत्सव धूमधाम से मनाया गया. रंग-बिरंगी शोभायात्रा निकाली गयी, जिसमें संन्यासियों के साहसिक रूप को देख कर आगंतुकों ने दांतों तले अंगुली दबा ली. कहते हैं, प्राचीन काल में बर्दवान के राजा विजय चंद महतावर, उदय चंद महतावर के समय में यह पूजा शुरू की गयी थी. इसका बुद्ध पूर्णिमा को ही आयोजन होता रहा है. जंगल से घिरे दुर्गापुर में गाजन उत्सव पिछड़ी जाति के लोग ही मनाते रहे हैं. बुद्ध पूर्णिमा पर कमल के फूल और मिट्टी से बने घोड़े से धर्मराज ठाकुर को पूजा जाता है. पारंपरिक पूजा में बाउरी, बागदी, धीवर, बाद्यकर, रुईदास आदि समुदायों के लोग शामिल होते हैं. पूजा के पहले दिन शोभायात्रा निकाली जाती है, धर्मराज ठाकुर के भक्त अपने तन पर लोहे के हुक लगा कर कष्ट सहते हुए पूरे गांव की परिक्रमा करते हैं. इस पूजा में श्रद्धालु व्रत रखते हैं. दूसरे दिन भी श्रद्धालु परिक्रमा करते हैं. शोभायात्रा को देखने के लिए ग्रामीणों की भीड़ जुटती है. पूजा के अवसर पर गांव में मेला लगता है. वर्तमान में गांव के लगभग हर घर में अतिथि पहुंचते हैं. 16 आना कमेटी के सचिव अमिय मुखोपाध्याय ने बताया कि इस क्षेत्र का यह बड़ा उत्सव है. इन दिनों ग्रामीण क्लब नाटक और विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित होते हैं.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है