प्रदेश भाजपा अध्यक्ष पद के लिए कई नामों पर चर्चा, सूची में दिलीप घोष व शुभेंदु आगे
या प्रदेश अध्यक्ष कौन होगा, इसे लेकर कई नाम सामने आ रहे हैं. सबसे आगे जिन नामों की चर्चा हो रही है
कोलकाता. मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार के मंत्री बनने पर उन्हें अध्यक्ष से इस्तीफा देना पड़ेगा. चुनाव में सीटों की संख्या घट जाने व अपेक्षा के मुताबिक प्रदर्शन नहीं करने पर सांगठनिक स्तर पर बदलाव की चर्चा पहले से ही चल रही थी. नया प्रदेश अध्यक्ष कौन होगा, इसे लेकर कई नाम सामने आ रहे हैं. सबसे आगे जिन नामों की चर्चा हो रही है, उसमें पूर्व प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष व नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी का नाम शामिल है. इस साल हुए लोकसभा चुनाव में भाजपा का प्रदर्शन खराब होने के बाद भी पूर्व मेदिनीपुर की दो सीटों पर जीत दिलाने में अधिकारी ने महत्वपूर्ण भूमिका निभायी थी, जबकि वर्ष 2019 में प्रदेश अध्यक्ष रहते हुए दिलीप घोष के नेतृत्व में भाजपा ने 18 सीटों जीती थी. इस बार सीट बदलने के कारण वह चुनाव हार गये. ये दो नाम इस समय चर्चा में है. हालांकि सूत्र बताते हैं कि पुरुलिया से दो बार के सांसद ज्योतिर्मय सिंह महतो व पूर्व सांसद लॉकेट चटर्जी का नाम भी लिया जा रहा है. लॉकेट को तृणमूल के खिलाफ तेज-तर्रार नेता के रूप में देखा जाता है. ज्योतिर्मय सिंह महतो को कुड़मी समाज का नेता माना जाता है. लेकिन लोकसभा चुनाव में महतो तो जीत गये, लेकिन झाड़ग्राम, बांकुड़ा, मेदिनीपुर जैसी सीटों पर कुड़मी समाज ने भाजपा का साथ नहीं दिया. इसलिए ये सभी सीटें भाजपा को गंवानी पड़ी थीं. कुड़मी समाज को खुश करने के लिए महतो को यह जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है. 2021 में हुए विधानसभा चुनाव में जीत के लिए भाजपा ने पूरा जोर लगाया था, लेकिन वह 77 सीटों पर ही सिमट गयी. इसके बाद बदलाव को लेकर चर्चा शुरू हुई और उसी वर्ष 20 सितंबर को सुकांत मजूमदार को प्रदेश अध्यक्ष का पद सौंपा गया था. प्रदेश अध्यक्ष के साथ भाजपा युवा मोर्चा के अध्यक्ष को भी बदलने की चर्चा है. सूत्र बताते हैं कि इस पद पर मौजूद इंद्रनील खां को हटा कर विष्णुपुर के सांसद सौमित्र खां को लाया जा सकता है. यदि शुभेंदु अधिकारी को अध्यक्ष का पद मिलता है तो नेता प्रतिपक्ष के रूप में सिलीगुड़ी से विधायक शंकर घोष का नाम सबसे आगे चल रहा है. पार्टी के भीतर यह भी चर्चा है कि यदि शुभेंदु अध्यक्ष बनते हैं तो दिलीप घोष को विरोधी दल का नेता बनाया जा सकता है. इसे लेकर मेदिनीपुर विधानसभा सीट से उन्हें उम्मीदवार बनाया जा सकता है. चुनाव में हार के बाद से ही जिस तरह से दिलीप घोष मुखर हुए हैं, इससे विरोधी दल के नेता बनने पर संशय ही लगता है. विधानसभा में भाजपा परिषदीय दल के चीफ व्हिप मनोज टिग्गा हैं. अलीपुरदुआर से चुनाव जीत कर वह सांसद बन गये हैं. बताया जा रहा है कि चीफ व्हिप का पद विधायक अग्निमित्रा पाल को दिया जा सकता है.
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