संतों पर मुख्यमंत्री की टिप्पणी जनहित से संबंधित नहीं : कोर्ट

कलकत्ता हाइकोर्ट ने चुनावी रैली के दौरान मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा एक संत के खिलाफ की गयी कथित आपत्तिजनक टिप्पणी को लेकर विश्व हिंदू परिषद (विहिप) की ओर से दाखिल याचिका का गुरुवार को निस्तारण कर दिया. अदालत ने टिप्पणी की कि ऐसे मामलों को जनहित याचिका के दायरे में नहीं लिया जा सकता.

By Prabhat Khabar News Desk | June 27, 2024 11:14 PM

कोलकाता.

कलकत्ता हाइकोर्ट ने चुनावी रैली के दौरान मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा एक संत के खिलाफ की गयी कथित आपत्तिजनक टिप्पणी को लेकर विश्व हिंदू परिषद (विहिप) की ओर से दाखिल याचिका का गुरुवार को निस्तारण कर दिया. अदालत ने टिप्पणी की कि ऐसे मामलों को जनहित याचिका के दायरे में नहीं लिया जा सकता. मुख्यमंत्री की ओर से पेश महाधिवक्ता किशोर दत्ता ने दलील दी कि जनहित याचिका में आरोप लगाया गया है कि सीएम ने चुनावी रैली के दौरान किसी विशेष संत को लेकर कुछ बातें कहीं.

जनहित याचिका में अदालत से अनुरोध किया गया था कि वह समाज में शुचिता बनाये रखने व किसी विशेष समुदाय को किसी विशिष्ट धार्मिक और आध्यात्मिक संगठनों से संबद्ध होने के कारण अपमानित नहीं करने का निर्देश दे.

गुरुवार को हाइकोर्ट के मुख्य न्यायधीश टीएस शिवगणनम व न्यायाधीश हिरण्मय भट्टाचार्य की खंडपीठ ने याचिका का निस्तारण करते हुए कहा कि ऐसे मामलों को जनहित याचिका के तौर पर निबटा नहीं जा सकता और मांगी गयी राहत की अनुमति नहीं दी जा सकती. अदालत ने कहा कि लेकिन याचिकाकर्ता अपनी शिकायत दर्ज कराने के लिए अन्य माध्यमों का इस्तेमाल कर सकता है.

विश्व हिंदू परिषद की दक्षिण बंगाल इकाई ने लोकसभा चुनाव के दौरान आयोजित एक रैली में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा मुर्शिदाबाद के एक संत के खिलाफ की गयी कथित टिप्पणी को लेकर अदालत का रुख किया था.

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